चाँदनी के लिए

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vijay gunjan
जागता ही रहा चाँदनी के लिए,
रातभर चाँद घन में छुपा ही रहा…।
भावनारण्य में मन भरमता रहा,
भाव जाने न कितने तिरोहित हुए।
बादलों ने बदल आचरण निज दिए,
और छद्मोन्मेषी पुरोहित हुए।
दे गया भ्रम पुनः कर गया विभ्रमित,
चित्त फिर भी न विचलित हुआ,सब सहा…….।
आज अवकाश आकाश में ना रहा,
ग्रह-उपग्रह सभी लड़खड़ाने लगे।
घोर गर्जन गरज घन किए इस तरह,
सृष्टि के चर-अचर थरथराने लगे।
वात वातायनों से बहक वेग से,
कल्पना-गन्ध को अब दिया ही बहा…….।
भाव आराधना -साधना के सभी,
भंग हो के पृथक दूर मुझसे हुए।
दांव पर लग गई आज तक की उमर,
हर कदम दर कदम रोज हारे जुए।
ज़िंदगी कट गई इस तरुण उम्र में,
वेदना की नदी में नहा ही नहा……।
जागता ही रहा चाँदनी के लिए
रातभर चाँद घन में छुपा ही रहा….॥
                                                                                             #विजय गुंजन
परिचय : बिहार राष्ट्रभाषा परिषद द्वारा साहित्यिक अवदान के लिए विजय गुंजन को पुरस्कृत किया जा चुका है। शंकरदयाल शर्मा स्मृति संस्थान द्वारा भी नवगीत रत्न सम्मान दिया गया था। आप बिहार राज्य के निवासी हैं। साथ ही बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में २०१४ में गीतकार के रूप में आरसी प्रसाद सिंह  सम्मान पत्र भी प्राप्त किया है। 

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।