तुम्हारा साथ छूटा जब,जमाना हो गया दुश्मन। अकेलापन खटकता है,नहीं खिलता ये मन गुलशन॥ नहीं चाहा कभी भी,गैर का जग में बुरा हमने। हमारी इस अच्छाई से नहीं बरसा कभी भी घन॥ अजब ये खेल किस्मत का,दिलों को दूर कर देता। निभाई दुश्मनी उसने,जिसे अर्पित किया यह तन॥ दिया जब […]
हे नारी तू कितनी महान है, तू है तो सारा जहान है। हे शक्ति स्वरुपा, हे रण चण्डिका.. आज तू इतनी बेबस क्यूँ है,क्यूँ तू चाहे तो पल में प्रलय ला सकती है। तेरे बिना देव-दानव नर-किन्नर, सबके-सब अधूरे हैं। पर आज तू चुप क्यों है क्यों, दिखा दे तू […]
कहाँ गईं वो भारत माँ की गौरवशाली गाथाएं, रण में स्वयं भेजने वालीं जीजाबाई माताएं। रानी पद्मिनि, पन्नामाता, लक्ष्मीबाई लाखों थीं, पर इतिहास देख पाया बस चारण कवि की क्षमताएं। हर दिल की आवाज बनेगी, अवध लेखनी राज करेगी॥ #अवधेश कुमार ‘अवध’ […]
एक बस तुझे सोचता हूं,बस एक तेरी ही चाहत है, तू जिंदगी बन जा,मेरी फिर तो बस राहत ही राहत है। हर खुशी तेरे नाम कर दूंगा,तुझपे आया हर गम मुझे दे दे, जिदंगी सवर जाएगी मेरी,तू मेरी है इतना बस कह दे। हर सांस पे लिख दिया तेरा नाम, […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।