मिटा के हस्ती मैं अपनी सारी तुझे खुदा कर गजल कहूँगी; सनम ये साँसो की रौनकें सब तुझे अता कर गजल कहूँगी !! हाँ जिस्म महिवाल सोणियो का,डुबा गई थी वो कच्ची माटी; मिटा न पाई जो इश्क़ उनका वही वफा कर गजल कहूँगी !! लगी हुई है जो मेरी […]
जब कभी जीवन में कुछ, गतिरोधक सा बन जाता है। एक ज्योति जीवन में तब, प्रतिबिम्ब सा दिख जाता है।। ऐसी होती है मां, वह होती है मां….. बेटे का पक्ष लेने के लिए, वह अनेक उलझनों में पड़ जाती है। बेटी का पक्ष लेने के लिए, वह दुनिया से […]
बताओ वो बज़ह क्या है तुम्हारे मुस्कराने की लगाई तुमने है कोई शर्त दिल आजमाने की। बताओ वो बज़ह क्या है तुम्हारे मुस्कराने की। अदाओं पर निछावर है ज़िन्दगी जां तलक मेरी जीत जाओ हराकर तुम हार मन्ज़ूर है मेरी लगाई तुमने है कोई शर्त दिल आजमाने की। बताओ वो […]
जो चाहते हो दुसरो से वही दीजिए आप हर कष्ट मिट जायेगा नही रहेगा कोई सन्ताप व्यवहार हमारा ऐसा हो लगे सभी को प्यारा मुंह से निकले मीठी वाणी मित्र हो जाए जग सारा उच्च चरित्र मिशाल बने हर कोई कद्रदान बने पावनता की प्रतिमूर्ति हो जीवन ईश्वरीय वरदान बने। […]
आये दिन दंगे की खबर सुन आत्मा कांप जाती है। हम किसके लिये और क्यों आपस में लड़ कट रहे हैं। काश कोई मेरे सवाल का जवाब दे देता ये कैसी दहशतगर्दी है यारों फैला रहा कौन वैमनस्यता दिशा चारों जात पात की चल रही क्यो लड़ाई दुश्मन हो चला […]
माँ क्या हो तुम मेरे लिए पूछता है सारा जहां मुझसे सच कहूँ तो सारा जहाँ हो तुम मेरे लिए ममता की मूरत, दुनियां की भीड़ में मासूम-सी सूरत अपने को गलाकर तपते रेगिस्तान में शीतल छाँह-सी नदी सी बन प्यास बुझाती सारी इच्छाओं को तुम पूरी करती जाती माँ, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।