मार्क्स और एंगेल्स विश्वसाहित्य में मार्क्सवाद कला में पारंगत थे और उन्हें साहित्य, शास्त्रीय संगीत और चित्रकला का वास्तविक ज्ञान था। अपनी युवावस्था में, वे दोनों कविता लिखते थे, और एक बिंदु पर एंगेल्स ने भी कवि बनने के बारे में गंभीरता से सोचा था। वह न केवल शास्त्रीय लेखकों […]

रिश्तों का बंधन कही छूट न जाये। और डोर रिश्तों की कही टूट न जाये। रिश्ते होते है बहुत जीवन में अनमोल। इसलिए रिश्तों को हृदय में सजा के रखे।। बदल जाए परस्थितियां भले ही जिंदगी में। थाम के रखना डोर अपने रिश्तों की। पैसा तो आता जाता हैं सबके […]

नित्य उठकर लीजिए परमात्मा का अब नाम अच्छी सुबह हो जायेगी बिगड़े बनेंगे सब काम परमात्मा ही पिता हमारे दुख हर लेते सारे के सारे मिले खुशी जब लगे ध्यान जीवन हो जाता है निष्काम स्वार्थ,लोभ विदा हो जाते क्रोध से भी मुक्त हो जाते मोह ,माया से न कोई […]

इन्दौर। अहिल्या की नगरी इन्दौर हमेशा से ही सेवा की मिसाल बनता रहा है। कोरोना जैसे आपदा में जब लोग अस्पतालों से दूर भाग रहे, ऐसे में मरीज़ों और उनके परिजनों के लिए शासकीय अस्पतालों के बाहर जाकर, सड़कों पर खड़े पुलिसकर्मियों को सेवादूत लगातार पानी आदि सामग्री देकर सेवाएँ […]

खनकती चूड़ियां तेरे मुझे क्यों लुभाती है। खनक तेरी पायल की हमको क्यों बुलाती है। हँसती हो जब तुम तो दिल खिल जाता है। मोहब्बत करने को मेरा मन बहुत ललचाता है।। कमर की करधौनी भी कुछ कहती है। प्यास दिल की वो भी बहुत बढ़ाती है। होठो की लाली […]

परमात्मा कहां चले गए तुम बुला रहे हम नही आए तुम आए हो तो असर दिखला दो कोरोना को जड़ से मिटा दो जो बीमार है उन्हें स्वस्थ बना दो चेहरे पर सबके मुस्कान ला दो खल रहा है अव्यक्त हो जाना सुंदर दुनिया का उजड़ सा जाना अब आ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।