वे बड़े करुण हैं उन्हें दर्द होता है यदि पिल्ला भी आ जाये उनकी गाड़ी के नीचे। गाय तो पूजनीय है उसके लिए जान भी लेने में नहीं हिचकते धर्म की रक्षार्थ। राजनीति मे बहुत छोटी बात होती है आठ साल की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या यदा कदा। […]

नानी————! तुम मेरी कुम्हार और मैं तुम्हारे चाक पर घूमती मिट्टी थी । मैं घूमती रही तुम्हारे चाक पर तुम्हारी इच्छानुसार,, निर्विरोध ,लगातार ।। मैं तुम्हारी कच्ची मिट्टी जैसे चाहा ठोका,थपका ।। कभी बिगाड़ा, कभी बनाया।। मुझे पकाया,रंग चढ़ाया,, और …….वही बनाया जो तुम बनाना चाहती थी ,, मैं बनना […]

दोहा माँ बेटी पत्नी सभी, नारी के ही रुप। भारत माँ के रुप मे नारी दिव्य स्वरूप।। चौपाई गौरव शाली जीवन गाथा। हम सबकी जो भाग्य विधाता।1। नारी महिमा अपरंपारा। जग से हरती जो अँधियारा।2। शक्ति रूप धर दुर्गा बनती । लक्ष्मी रुप मे विपदा हरती।3। सरस्वती माँ कंठ समाती। […]

ललनाओं  हो जाओ तैयार। अब आई युद्व की बारी ।। क्षत्राणियों के खून मे उमड़ रहा है जोश। हवाएं भी झूम-झूम, गा उठी मदहोश । दुश्मन के ठिकानों पर, हम करें वार पर वार। ललनाओं हो जाओ तैयार । हाथों में चूड़ियों के साथ , अपने खड्ग थाम लो रानी […]

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यह एक मूर्खतापूर्ण बात है कि हिंदी की प्रगति के लिए प्राइवेट कंपनियों और प्राइवेट अस्पतालों को हिंदी में पढ़े-लिखे इंजीनियर और डॉक्टर को अपने यहाँ नौकरी पर रख लेना चाहिए | उनको मुनाफे से मतलब है, हिंदी या अंग्रेजी से नहीं | मुनाफे की खातिर वे योग्य लोगों को […]

एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, रात की बात  चली अभी दूर सबेरा है, सुंदरता पर पहरा, लोभी का डेरा है, बंदिश इतनी फिर भी चांदनी बिखेरा है । एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, नीरव  रजनी सोचे प्रियतम से बात करे चकोर देख चहके, प्रियतम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।