बड़ी मीठी लगे सबको हमारी शान है हिंदी ! अनेकों गुण भरे इसमें गुणों की खान है हिंदी !! ***************************** मधुर धारा बहा देती अगर तुम भीगना चाहो ! बजाये सुरमयी सरगम सुरीली तान है हिंदी !! ***************************** सभी का दिल लुभा लेती दया सद्भाव से अपने ! भले हिंदू […]

चल रात सिरहाने रखते है । उजियारों को हम तकते है । दूर गगन में झिलमिल तारे , चँदा से स्वप्न सुहाने बुनते है । सोई नही अभिलाषा अब भी , नव आशाओं को गढ़ते है । चल रात सिरहाने … थकता है दिनकर भी तो , साँझ तले क्षितिज […]

छोटे बेटे की बीमारी से परेशान सुनीता जैसे तैसे अपने दिन काट रही थी । मजदूर पति सुरेश सुबह ही दिहाड़ी के लिए निकल जाता । मजबूरी थी उसकी बीमार बेटे को अनपढ़ पत्नी के भरोसे छोड़ कर जाना । खुद भी ज्यादा कहाँ पढ़ा – लिखा था वह। आठवीं […]

ये किताब नहीं ये मित्र हैं हमसब की इन्हें सहेज कर रखिए अपना हृदय समझ कर इक्कीसवीं सदी है इनके इस रूप के साकार की फिर ये नहीं मिलेगी पुस्तकालयों में, बैठकों में, बच्चों के बस्तों में , दराजों में भी इन्हें ढूंढ़ते रह जाओगे… इन्हें पाने के लिए गूगल […]

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के नेता किम योंग उन की सिंगापुर में हुई भेंट को क्या-क्या नहीं बताया जा रहा है। कोई उसे दुनिया की राजनीति में बदलाव का परचम कह रहा है तो कोई उसे विश्व-इतिहास की महान घटना बता रहा है। खुद ट्रंप गर्व और […]

शायद हमें एक संत ना खोना पड़ता! ये हमारी परम्परा सी बन गई है कि हम मरने के बाद सब को “स्वर्गीय” मान लेते हैं। इसके लिए अपने तर्क हो सकते हैं । “मरे बाद महान”  की परपंरा भी हमारे समाज में है, जो जिंदा महान थे उनके मरने के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।