मेघा क्यों बृजगाँव में आए नहीं तनिक तुम हमको भाए उलट पाँव अब जाओ पुरी को जहाँ राज मोहन मन छाए । कहना उन बिन ऊसर मधुवन नहीं चहकता अब नंदनवन सूना सूना सब बृजमंडल नहीं महकता है वृंदावन । साँवरिया के मधुर मिलन बिन भला मेघ ऋतु किसे सुहाए […]

       मैं बहुत ज्यादा तनाव में हूँ अब और नहीं सहा जाता…..जैसा कि विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि ये सुसाइड नोट, इंदौर के प्रसिद्ध राष्ट्रसंत माने जाने वाले भय्यू जी महाराज का है। आपाधापी और भौतिकतावादी की इस दुनिया में सबके अपने-अपने तनाव हैं। कोई पैसे के पीछे, कोई कर्जे में, […]

चल रही है झूम के हवाएं, बादलों ने शोर मचाया है । बदला सा मिजाज मौसम का, कोई दस्तक देने आया है ।। रंग बदला है पत्तो ने अपना, पेडों ने गीत गुनगुनाया है । डाली डाली चहक रही, आनन्द हृदय में समाया है ।। सौंधी सौंधी खूश्बु माटी की, […]

अब नहीं शर्मिंदा होंगे, फांसी पर लटकाने से। छिप जाओ किसी बिल में बच नहीं सकते हम वीरों से। नक़ाब हटाने में कुर्सी पलटाने में तानाशाह किसी सैन्य को बनना पड़े तो बन जाने दो। चेतना जागृत सम्यक बोध अधिकारों को समझाना होगा जन जन में भागीदारी का बोध नया भरना होगा। अत्याचारी […]

हम बदलेंगे युग बदलेंगा युग बदलेंगा युग सुधरेगा आचार्य श्रीराम की वाणी है नये भारत की कहानी है मथुरा से जली अखण्ड ज्योति सदसंदेशो की अलख ज्योति हरिद्वार से प्रज्ज्वलित ज्योति पुंज विराट हो गया शांतिकुंज प्रणव पण्ड्या की अगुवाई में समर्पित सेवको की साधना मे देव संस्कृति विश्वविद्यालय बना […]

 अभिजीत, प्रथम , मुस्कान और संजय बहुत अच्छे दोस्त थे । माधौपुर की पाठशाला में सभी कक्षा ९ वीं में पढ़ते थे । मुस्कान को तीनों दोस्त अपनी छोटी बहन मानते थे । मुस्कान अनाथ थी और गांव सूरजगढ़ में मौसी के साथ रहती थी । प्रतिदिन चार किलोमीटर पैदल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।