सुख दुख है जीवन के गहने ये पड़ते है सभी को सहने इनमे जो तटस्थ बना रहे उसके तो बस क्या ही कहने धूप छांव की तरह है दोनो आते जरूर है बारी से दोनो इनको जीवन का अंग मान लो खुशी से बिताना धर्म मान लो एहसास जरा भी […]

चाँद माथे पे, निगाहों में सितारे लेकर, रात आई है देखो कैसे नज़ारे लेकर, ======================== सुबह तक याद ना करने की कसम टूट गई, नींद आई तेरी यादों के सहारे लेकर, ======================== नहीं आसां है सजा लेना हंसी चेहरे पर, भीगती आँखों में सुलगते शरारे लेकर, ======================== हाथ आया ना […]

मेरा शहर  मेरा प्रदेश अपनी एक अलग ही अनूठी पहचान रखता है । मिलनसारिता , त्योहार की रंगीनियां ,खान पान की विविधता ,  चहल पहल से आबाद ये शहर वाकई ज़िंदादिली को परिभाषित करता है । जो यहाँ आता है वो यही का होकर रह जाता है । पर इस […]

हाँ ! मैं खाता हूं मेहनत की कमाई। मैं डरता नहीं हूं मेहनत करने से। लक्ष्य को पाने के लिए मुझे दिन-रात करनी पड़ती है  कड़ी मेहनत। कितनी बाधाएं भीआती है लक्ष्य तक पहुंचने में हिम्मत और मेहनत से सब आसान हो जाता है और मिल जाती है मंजिल। मन […]

यह खुशी की बात है कि सरकार ने सामूहिक हिंसा या भीड़ की हिंसा के विरुद्ध सोचना शुरु कर दिया है। यह कितना विचित्र है कि इसका श्रेय हमारे सर्वोच्च न्यायालय को है, उन नेताओं को नहीं, जो जनता की बीच रहने की डींग मारते हैं। यह ठीक है कि […]

घर की चूल्हा-चौकी के साथ बेटियों ने थामा तिरंगा आज हर क्षेत्र में पहिचान बनाकर बेटियों ने लोहा मनवाया अबला शब्द को पीछे छोड़ अंतरिक्ष में पांव जमा डाला कल्पना, प्रतिभा, किरण, लता, सुनीता, सानिया, बबिता बन विश्व में देश का परचम  लहराया शरहद पर पति शहीद हुए तो बेटी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।