वही डेढ़-दो बज रहे होंगे।कबाड़ी के दुकान में काम कर रहा दुखना मालिक से बोला-“मालिक खाए खातिर 50₹ दे देते।” मालिक-“खाना…..! होटल में खाएगा! घर से टिफीन लेकर क्यों नहीं आया?” दुखना-“मालिक, कनिया के बोखार लागल रहै खाना नै बनैलकै।” मालिक-बहाना छोड़, आ ई बता कि एक टाईम 50₹ का […]

भारत का भद्रलोक अब ऐसा लगता है कि अंग्रेजी के पिंजरे के बाहर झांकने लगा है। जापान के साथ मिलकर भारत जो बुलेट ट्रेन बना रहा है, उसके कर्मचारी, अधिकारी और इंजीनियर अब जापानी भाषा सीखने में लगे हुए हैं। उन्हें प्रशिक्षण के लिए जापान जाना है और बाद में […]

मैंने उन्हें सर झुकाकर मेरा सलाम बता दिया.. हाल-ए-दिल उनको अपना तमाम बता दिया.. किसीने मुझसे पूछा, उसके होठ कैसे है…..?????? मैंने मुस्कुराकर मय-ए-जाम बता दिया……. किसीने मुझसे पूछा, उसके गाल कैसे है…..?????? मैंने हँसकर बस सुर्ख-ए-गुलाल बता दिया…. किसीने मुझसे पूछा, कैसा दिखता है वो…..?????? मैंने सच में शहजादा-ए-जहां […]

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इंदौर।   हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए सक्रियता से कार्यरत मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा हिंदी के प्रचार-प्रसार एवं हस्ताक्षर बदलो अभियान से भारतीय हिन्दीभाषियों को जोड़ने के उद्देश्य से सम्पूर्ण भारत में भाषासारथी बनाये जाएंगे। इस माध्यम से हिंदी को जन-जन तक पहुँचाया जाएगा।  उन्होंने बताया कि यह फैसला संस्थान […]

सोचता हूँ आज मौत से दोस्ती कर लूँ जिस्म को रख गिरवी  रूह का व्यपार कर लूँ बहुत टूटे हैं मेरे सपने  इस बाजार में उस  संसार में सबको साकार कर लूँ धोखे के जखमों का दर्द अब सहा नहीं  जाता अनदेखे लोक के मरहम को लगा के देख लूँ नहीं दिखता शीशे  में अक्स […]

मिथिला की हर नारी सीता हर नारी में सीता मां मेरी मैथिली इस कारण…. माँ मेरी सीता जन्म कर्म का जोड़ यही माँ बन गई सीता… उसने जो जाना सीता जिसको उसने माना सीता हमें सीख में दे गई वो सीता पोथी रामायण की आदर से पकड़ाकर  बोली बेटी तुम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।