“टिफीन और डिनर”

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naveen sah
वही डेढ़-दो बज रहे होंगे।कबाड़ी के दुकान में काम कर रहा दुखना मालिक से बोला-“मालिक खाए खातिर 50₹ दे देते।”
मालिक-“खाना…..! होटल में खाएगा! घर से टिफीन लेकर क्यों नहीं आया?”
दुखना-“मालिक, कनिया के बोखार लागल रहै खाना नै बनैलकै।”
मालिक-बहाना छोड़, आ ई बता कि एक टाईम 50₹ का खाएगा तो घर क्या…….(अपशब्द) ले जाएगा? 30₹ देता हूँ हाफ प्लेट खा लेना।पैसे देने वाले हीं थे कि फोन बज उठा। पैसे हाँथ में हीं रहा और फोन पर लग गये-“क्या हुआ जानू?बच्चे तंग कर रहें हैं क्या?”
पत्नी-“हाँ तो आपको क्या? बच्चे केवल मेरे हीं है न।कभी बीच में पूछते भी हो कैसे झेल रही हूँ मैं?”
मालिक-“ओ हो !तुम भी न!खामोख्वाह गुस्सा करती हो,बच्चे हैं थोड़ा-बहुत…….।”
पत्नी-“अच्छा बात मत बनाओ और सुनो, आज रात खाना नही बनाऊँगी कहीं बाहर चलेंगे डिनर पे।सबेरे आ जाना।”
फोन कटा तो मालिक का ध्यान सीधे दुखना पर गया।उसने  ₹200 का नोट निकाला और दुखना को देेते हुए कहा-“काम छोड़ दुखना,घर जा कनिया को देख और सुन कनिया के लिए भी होटल से खाना पैक करवा लेना मेरे नाम पर।”

                                                                      #नवीन कुमार साह
परिचय : नवीन कुमार साह बिहार राज्य के समस्तीपुर स्थित ग्राम नरघोघी में रहते हैं। श्री साह की जन्मतिथि १६ अप्रैल १९९४ है। दरभंगा (बिहार) से २०१५ में स्नातक (प्रतिष्ठा) की उपाधि प्राप्त करने के साथ ही अभी बी.एड. जारी है। अध्यापन ही आपका पेशा है। वर्तमान सृजन (द्वितीय) विमोचनाधीन है। कई पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हुआ है। आप छंद, लघुकथा व छंदमुक्त कविताएं लिखते हैं।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।