विद्यासागर जी की राह निहार के। मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में / सब की अँखियों के नूर, सब के दिलो के सुरूर / चाहे रहो कितनी दूर,लाना है मुंबई में ज़रूर // विद्यासागर जी की राह निहार के। मुंबई वाले कब से खड़े है इंतजार में / […]
रिचा पढ़ी लिखी थोड़ी नए ख़यालात की लड़की थी उसने दिल्ली से एम बी ए किया था । उसकी शादी छोटे शहर में हुई , जहाँ बहुएँ आज भी थोड़ा पर्दे में रहती हैं । रिचा के घर का माहौल भी थोड़ा पुरतनपंथी वाला था । रिचा जब शादी होकर […]
तुमको मिलने की ख्वाहिश,, जैसे गगन से धरती मिलती दिखती,, तुमको पाने की ख्वाहिश,, जैसे बूंद कोई धरा पर गिरती,, ह्रदय की पीड़ा की जड़ तुम हो,, आंसु का खारा पन तुम हो,, तुमसे ही व्याकुल मन मेरा,, तुमसे मिलने को आतुर हर क्षण मेरा, कैसे तुम्हे बिदा कर आऊं […]
ज़िंदगी को भी तो हमसे यूं गिला हो जैसे दर्द उसको भी मुहब्बत में मिला हो जैसे।। देख ले मेरा भी कोई मुक़द्दर यहाँ पे यार के प्यार की अब कोई दुआ हो जैसे।। मर गया वो पतंगा भी तो इश्क़ में ही अब मुहब्बत से ही होती हैं नफ़ा […]
कुछ ख़्वाब बुन लेना जीना आसान हो जायेगा दिल की सुन लेना तेरा इक मक़ाम हो जायेगा मुद्दत लगती है दिलकश फ़साना बन जाने को हिम्मत रख वक़्त पे इश्क़ मेहरबान हो जायेगा टूटना और फिर बिखर जाना आदत है शीशे की हो मुस्तक़िल अंदाज़ ज़माना क़द्रदान हो जायेगा लर्ज़िश-ए-ख़याल […]
नेता नहीं देता कान, जनता की जमी जबान महँगाई सुरसा समान, छूने लगी आसमान । घूम लिये देश सारे, किन्तु जब वतन पुकारे, छप्पन इंची सीना धारे, छह इंची मुस्कान । मिला नहीं रोजगार, बैठे रहे क्यों बेकार, खोल सकते हो यार, पकौड़े की भी दुकान । विरोधियों को कहने […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।