गंगा यमुना के घाटों पर, हैं लाशों की चादर बिछी हुईं। रेत के ढेरों में ना जाने, हैं कितनी लाशें छिपी हुईं। नोंच खा रहे कुत्ते जिनको, क्या उनका कोई वजूद नहीं? देख दुर्दशा मानव की ये, मिलता नहीं सुकून कहीं। कफ़न मिले ना लाशों को, चिता की अग्नि नसीब […]

जिंदगी को यदि सुरक्षित रखना है। तो दो हाथो की दूरी रखना पड़ेगा। कोरोना से बचाने के लिए। वैक्सीन वाला कवच लेना पड़ेगा।। हम सबको सुरक्षित रहना है। तो वैक्सीन को लगवाना होगा। और घर परिवार व समाज में। नया वातावरण बनाना है।। एक ही आधार हम सबको। जिंदगी को […]

करोना के लाकडाउन ने जिंदगी को नया अनुभव दिया है, अच्छा भी बुरा भी। जो जहां जिस वृत्ति या कार्यक्षेत्र में है उसे कई सबक मिल रहे और काफी कुछ सीखने को भी। ये जो सबक और सीख है यही उत्तर करोना काल की धुरी बनेगी। ‘बाइ सेपियन्स- ए ब्रीफ़ […]

रात के तीसरे पहर में स्वर्णिम अमृतबेला में नींद के गहरे आगोश में जब समाया रहता हूं मैं स्वप्नों का अनूठा संसार जब रहता मेरे इर्दगिर्द सतयुग की परिकल्पना मुझे ले जाती उस पार जहां रहते है परमात्मा हां, वही जो आनन्ददाता है हां, वही जो सुखों के सागर है […]

कोरोना से अब लड़ना है, इसका मुंह काला करना है। दो गज की दूरी रखनी है, मुंह पर मास्क लगाना है। घर से नहीं अब निकलना, घर से ही काम करना है। कोरोना से अब लड़ना है, इसका मुंह काला करना है। किसी के घर नहीं जाना है, किसी को […]

नई दिल्ली। मई 22, 2021. बिहार के पूर्णिया में इस्लामिक जिहादियों द्वारा हिंसक हमले पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने पीड़ित माह-दलित परिवारों को शीघ्र न्याय की मांग की है। विहिप के केन्द्रीय महामंत्री श्री मिलिंद परांडे ने कहा है कि गत बुधवार आधी रात को […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।