क्या विडंबना है कि ‘देवताअों की अपनी भूमि’ ही ईश्वर निर्मित पंचमहाभूतों में से एक जल के तांडव से कराह रही है। जब इस हरे-भरे केरल राज्य में अोणम की तैयारियां जारी थीं, ठीक उसके पहले जल प्रलय ने राज्य में न केवल दस्तक दी, बल्कि त्राहि-त्राहि मचा दी। अोणम, […]

शीश भानु धारणं नमामि कृष्ण साधकं जटा गंग धारणं कपाल नेत्र धारणं अंग भस्म शोभतम छाल वस्त्र धारणं डमरू नाद शोभिते नटराज नृत्य कर्त्यं हस्त शूल धारणं भुजा भुजंग शोभिते रुद्रमाल गले धारणं विषपान त्वं करोति त्रिनेत्र लाल ज्योति श्मशान रमणं करोति बृषभ त्वं सेवकं गणेश त्वं सुताय कार्तिकेय त्वं […]

यूएन में हिंदी को दर्जा दिलाने के लिए आगे आया मॉरीशस, कहा- भारत हमारी मां है, बेटे के तौर पर ये हमारा फर्ज मॉरीशस के मार्गदर्शक मंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ संभाल चुके हैं प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे शीर्ष पद पोर्ट लुइस (माॅरीशस). हिंदी को यूएन की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए […]

जो  वीर  जवान  सीमा  पर  तैनात   रहें उन बलिदानों की कथा भला कोई कैसे कहे कैसे कहें , मां की  ममता भरी वेदना जो अपने लला के लिए अश्रु में डूबी  रहे हर होली और दीवाली लाल की राह तके मुख चन्द्र ललन का देखने को नैना न थके किस […]

” सर! इस बार स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर किसको आमन्त्रित करना है?”नए आए प्रधानाचार्य से ऑफिस इंचार्ज सुनील से पूछा। “विद्यालय में तो ध्वजारोहण प्रधानाचार्य द्वारा ही किया जाता है , कोई भी आ सकता है ये तो सभी का पर्व है” “पर…. […]

काल के कपाल पर लिखता हूँ… मिटाता हूँ गीत नया गाता हूँ…गीत नया गाता हूँ कितना भी लिखें… कितना भी पढ़ें…अटल गाथा पूरी नहीं होगी…जब से यह दुःखद खबर आई… वक्त की सुई ठहर सी गई है…मेरी कलम भी इन स्मृतियों से बाहर निकलना नहीं चाहती… संसद में अटल जी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।