व्यापारी सँग त्रस्त हैं शिक्षक और त्रस्त हैं विकल किसान, फिर भी हम कहते नहिं थकते मेरा भारत देश महान। ००० नाम अतिथि शिक्षक पर झेले हरदम वे शोषण की मार, मिलता वेतन कार्य दिवस का मुफ़्त रहे समझो रविवार। नियमित शिक्षक से हरदम वो विवश झेलने बस अपमान, फिर […]

कल एक समाचार पत्र में प्राप्त समाचार जिसमे एक कान्वेंट स्कूल अपने बच्चों को वर्द्धा आश्रम लेकर गया जहां एक बच्ची अपनी दादी को वहां देख रोने लगी जब उससे कारण पूछा तो उसने बताया कि पापा मम्मी ने बताया कि दादी को चाचा ले गए है ।     […]

इंसाँ झूठे होते हैं इंसाँ का दर्द झूठा नहीं होता इन होंठों पर भी हंसी होती गर अपना कोई रूठा नहीं होता। मैं जानता हूं कि आंखों में बसे रुख़ को मिटाया नहीं जाता, यादों में समाये अपनों को भुलाया नहीं जाता। रह–रहकर याद आती है अपनों की ये ग़म छुपाया नहीं जाता, सपनों में डूबी पलकों की कतारों को यूं उठाया नहीं जाता। इंसाँ झूठे होते हैं इंसाँ का दर्द झूठा नहीं होता इन होंठों पर भी हंसी होती गर अपना कोई रूठा नहीं होता।  #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 26

नमन करूँ मैं निज जननी को, जिन जीवन दान दिया। वंदन करूँ जनक को जिसने जीवन  सम्मान दिया। नमन करूँ भ्राता भगिनी सब , संगत  रख  स्नेह दिया। गुरु को नमन दैव से पहले मन वचन सु ज्ञान दिया। .                ~~~~~ मानुष तन है दैव दुर्लभम, अनुपम  व  सौगात है। […]

‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’ जैसे ध्येय वाक्य को मनुस्मृति से समाज के चिंतन में शामिल कर स्त्रीत्व को गौरव प्रदान करने वाली भारतीय संस्कृति आज जिस चौराहे पर खड़ी है, वहां इस बात को पुन: विचार करना होगा कि हमने क्या किया, क्या पाया- क्या खोया। ख़बरों से […]

आकाश में बैठी बैठी यूं ऐसे है क्यों इतराती तू ऐ घटा सांवली ये तो बता धरती पे क्यों नहीं आती तू..!! सूखे खेतों की आस है तू मरू स्थल की प्यास है तू दृग में तो तू बरबस छाती मन गागर क्यूं नहीं भर जाती..  अपनी बूंदों से कृषक […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।