किसी ट्रेन की खिड़की से भला किसी शहर के पल्स को कितना देखा – समझा जा सकता है। क्या किसी शहर के जनजीवन की तासीर को समझने के लिए रेलवे ट्रेन की खिड़की से झांक लेना पर्याप्त हो सकता है। अरसे से मैं इस कश्मकश से गुजर रहा हूं। जीवन […]
मस्तकों के झुन्ड आज मौन है लगा शायद संवेदना भी गौण है लड़ रही थी वो अकेली नग्न तन मानों वसुंधरा की देह सारी कट गई हाँ ! न बची कोई वेदना किसी स्त्री में, न पुरुष बचे न बची कोई नारियाँ कटघरें में अकेली खड़ी थी इंसानियत मानों पहाड़ […]
जैसे ही गीता ने मोबाइल ऑन किया, धड़ धड़ करते व्हाट्स एप मेसेज का ढेर लग गया… गर्ल्स ग्रुप १०५,खानदान ५३,देवरानी जेठानी ३………… “क्या है आज, जो गर्ल्स ग्रुप (उसके पति के बॉस की वाइफ एडमिन थी उस ग्रुप की, सब उन्हें भाभीजी बोलते हैं) में इतने मेसेज ,यही सोच […]
एक शाम जिंदगी की आज भी ढल जाएगी, फिर से एक रात तुम्हारे बिन ही निकल जायेगी। मायूसियों का दौर मुझे जो तुमने तोहफे में दिया, ऐसा कर के क्या तेरी तकदीर बदल जाएगी। तुमने तो अपना लिया है रुख़सती का सिलसिला, दिल में मिरे फ़िर भी मिलन की उम्मीद […]
हम फिर से आदम बन गए हैं कच्चा मांस फिर पसन्द करने लगे हैं अंतर इतना ही…. पहले जानवर का करते थे अब औरत का शिकार करने लगे हैं कपड़े भी कहाँ सुहाते हैं हमें आजकल? खुद तो दिल,दिमाग से नंगे हैं ही सामने औरत दिख जाए तो उसे भी […]
. *कुण्डलिया छंद* . *1* हरियाली हर हार में, पावस की मनुहार। प्रिये मिलन उपहार है, झूलन का त्यौहार। झूलन का त्यौहार, सखी सब संगत झूले। पिय हिय की बतराय,मोद मन ही मन फूले। कहे लाल कविराय,झुलत हिय में वनमाली। सखियाँ समझें और,बसे हरिमन हरियाली। . *2* सावन की शुभ तीज है,आइ गये […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।