विवाह के लिए लड़की देखने वाले आ रहे… सुनकर लड़की अंदर तक हर्षित एक तरफ घर छूटने का दर्द दूसरी तरफ़ पति प्रेम की ललक फिल्मों के गानें तैरने लगे मन में देह की हर इंद्रिय के द्वार से खुले हर द्वार पर काल्पनिक पति..! तभी एकाएक माँ ने चेताया […]

जहाँ कभी पुष्प वाटिका हुआ करती थी, वहाँ आज लाशों का अंबार लगा हुआ है , जो जमीन कभी सोने की चिड़िया होती थी , वहाँ आज लाशों का विछावन बिछा है , जो कभी विश्व का भाग्य विधाता हुआ करता था , वो आज भिखारी बना घुमाता है , […]

कभी किसी को ग़लत न बोलें, हमने तो ये सीखा है… सोंच समझकर बात करेंगे, हमनें तो ये सीखा है। कभी किसी की आंखों में, आँसू न आने देंगे हम… रोने वाले को है हँसाना, हमने तो ये सीखा है। अपनी ख़ातिर जो भी जीता, वो तो पशु समान है… […]

सूरज अपनी रोशनी समेट रहा था, चांद आसमान को फाड़ कर बाहर निकल रहा था आसमान पहले से भी ज्यादा गहराता जा रहा था धुंध बेबजह घरो से निकल कर भाग रही थी कुत्ते आज भौंकने की जगह दहाड़ रहे थे वो दफ़्तर से निकला आदमी नींद की गोली की […]

हज़ारों दर्दो-ग़म के दरम्यां हम थे जहाँ में अब कहाँ हैं कल कहाँ हम थे। अभी हालात से मज़बूर हैं लेकिन तुम्हारी जिंदगी की दास्ताँ हम थे। तुम्हारी बदज़ुबानी चुभ रही लेकिन तुम्हारे होठ पर सीरी जुबां हम थे। ये तख़्तों ताज दुनियाँ में भला कब तक मुहब्बत ज़ीस्त है […]

बिहार| लक्ष्य संस्था द्वारा वीडियो कांफ्रेंसिंग ऑनलाइन ईद मिलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया। मुशायरे कीअध्यक्षता प्रसिद्ध गजलकऻर डॉक्टर् मनसूर हसन खा मनसूर ने की, मुख्य अतिथि गजलकार श्री संजय मल्होत्रा, हमनवा विशिष्ट गजलकार श्री आहत लखनवी थे। थे। मुशायरे का सफल संचालन गोबर गणेश ने किया वाणी वंदना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।