ये भीड़ कहाँ से आती है ये भीड़ कहाँ को जाती है जिसका कोई नाम नहीं है जिसकी कोई शक्ल नहीं है जिसको छूट मिली हुई है समाज,कानून के नियमों से जिसकी शिराओं में खून की जगह द्वेष की अग्नि बहती है जिसके मस्तिष्क में भवानों के वजाय क्रोध भड़कती […]
भारत बंद का कैसा महाजाल, कर देता है जनता को बेहाल, माँगे पूरी मनवाने की खातिर, कुछ लोग करते है हड़ताल, एक दिन भारत बंद होने से, अर्थव्यवस्था का हो बुरा हाल, सारे कामकाज ठप्प पड़ जाते, दैनिक मजदूरों के होते फटेहाल, बड़े लोग बजाते चैन की बंशी, आम आदमी […]
समय चक्र को हाथो के वक्र को बदलते देखा है दिल के ग़मो को आखो के सिकन को बदलते देखा है ये क्या हुआ कि भृकुटी तन गयी मन सरोवर मे एक अग्नि रेखा बन गयी चंचल चपल चतुर वाक्य,कुछ ऐसा ही कर गयी अब घात क्या प्रतिघात क्या,आत्मसात दिल […]
sandhya chaturvedi प्रथम पूजनीय गौरी नन्दनं गणेश। मम मनोकामना पूर्ण करो। आस लगा हम आये तुम्हारे द्वार। श्रद्धा सुमन ले कर निज हाथ। विनती आप ही सुनोगे ये मन मे है पूरी आस। दुःख मेरे दूर करोगे। मन मे पूरा विश्वास। भूल हुई जो जाने या अनजाने में उसे अब […]
मेरी साईकिल चली बाजार। करता दिल इसका आभार।। जब चाहो इसको ले जाओ। अपना जीवन सरस बनाओ।। कभी न प्रकृति दूषित करता। लिये सवारी आगे को बढ़ता।। दादा दादी बाजार जब जाते। साईकिल अपनें संग ले जाते।। सड़क न उखड़े जब ये आती। बिल्कुल कभी नहीं घबराती।। जब सड़कों पर […]
शर्म अंग्रेजी न आने पर नहीं बल्कि हिंदी न आने पर आए अपनी माँ के बदले विदेशी जिनको भाए अपनी इस आदत पर वे ही जन शर्माएं हिंदी है जन जन की भाषा किसी की रोटी, किसी की आशा अंग्रेजी ही क्यों ,सीखो सारी भाषाएँ पर निज भाषा की, न […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।