जनता के लिए जिस कवि ने सत्ता को सिंहासन खाली करने कहा स्वतंत्र भारत में, वीर-रस, प्रगति चेतना और जन-चेतना को लेकर जो कविताई हिंदी के ‘दिनकर’ ने की वह अन्यतम है। वे लिखते हैं : “गौरव की भाषा नयी सीख, भिखमंगों की आवाज बदल ! सिमटी बाँहों को खोल […]

राष्ट्रीय कवि संगम का प्रांतीय अधिवेशन एवं कवि सम्मेलन सम्पन्न जम्मू |राष्ट्रीय कवि संगम की जम्मू कश्मीर इकाई का प्रांतीय अधिवेशन आज के एल सहगल हाल, जम्मू में सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर राष्ट्रीय कवि संगम के माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगदीश मित्तल जी ने कार्यक्रम की अध्क्षता की जबकि […]

एक कमजोर तिनका तैर रहा था उदंड लहरों के थपेड़ों में । लहरें बार- बार आतीं संपूर्ण वेग से डुबो देना चाहती तिनके को । तैरता हुआ तिनका स्वयं भी समझ न पा रहा था आखिर क्यों वह इन प्रचंड लहरों में डूब नहीं रहा है? लहरों का प्रहार तिनके […]

नाजों से पली मिनी को शादी से पहले इस बात की भनक तक न थी कि शादी के बाद उसे प्रतदिन रोना पड़ेगा l संयुक्त परिवार की  बेटी मिनी के आँखों में आँसू देख उसके बड़े ताऊ आसमान सिर पर उठा लेते थे l इसलिए परिवार के सभी बच्चे मिनी […]

रोकर काटी कितनी रातें,राह तकते गुज़ारे जो दिन मधुमय जीवन की बहारें ,झूठी हो गयीं पिया तुम बिन अपनी पीड़ा भूल सजन तुम ,जरा यूँ ही मुस्कुरा देना *पल दो पल उनकी यादों का ,पानी आँखों में भर लेना* *भूले बिसरे पलों को तुम यादों में अपनी बसा लेना* सजा […]

अनेक राह हैं….  लंबी-लंबी सड़कें, उबड़-खाबड़ वीथिकाएं, कच्चे-पक्के  रास्ते. बर्फ वाले पहाड़, गहरी तलहटियां, चाय-बागानों की ढलान. उजड़े-बियाबान, घने-वन.   हर  जगह  है मौजूद, इस दुनिया का वजूद.   फिर भी,बन न सकी एकछोटी,कच्ची-पक्की राह  तुम्हारे और मेरे दरम्यान,, जिसपर चलकर हम आ  सके इतने करीब, कि,  ‘स्व’ समाहित हो, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।