दिवंगत पुज्यों के प्रति समर्पण, श्रद्धा से करते  श्राद्घ में तर्पण। देह नश्वर आत्मा है अविनाशी, पुनर्जन्म के   हम हैं विश्वासी। श्रद्धा से अर्पित कर पितरों की, सब सदा कृपा चाहा करते। अन्न धन करते दान विविध ,  काकों को भी बुला जिमाते। आत्म शान्ति हित तीर्थों में, होता पितृ […]

अपनी खनकदार आवाज से हिंदी को बुलन्दियों पर पहुंचानेवाले  शब्दों के जादुगर जसदेव सिंह को नमन !!! कई पीढ़ियों को अपनी आवाज और शब्दों से झंकृत करने वाले  पद्म भूषण और पद्म श्री जसदेव सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। जसदेव सिंह का मंगलवार को राजधानी दिल्ली में लंबी बीमार के बाद […]

श्राद्ध पक्ष में दे रहें आवाज क्यों नहीं आ रहें  कागराज । देख स्तब्ध है  आज मानव कागराज  क्यों  हुए नाराज ।। छीनी  आशियानों की सेज काटे स्वार्थ में  जंगल , पेड़ । ढूंढें न मिल रहें है कागराज न जाने चलें गए कौन-से देश ।। पितृतर्पण प्रतिनिधि कागराज स्मृति […]

खबरों में भी अच्छापन हो यह ध्यान रखना जरूरी है किसी की मानहानि न हो इतनी सावधानी जरूरी है जो सच है वह लिखो जरूर पर जिससे हालात बिगड़ते हो ऐसा सच भी गैर जरूरी है प्रेम भाव,शांति,सदभाव ये आभूषण हो मीडिया के समाज को आईना दिखाना राष्ट्र धर्म निभाना […]

  “वो पीपल की छाँव, वो रस्सी के झूले। वो गुड्डे की शादी, वो मामुलिया के गाने।। न जाने कहाँ खो गये। वो रेत के घर, वो सीप और पत्थर। वो मंदिर की होली, वो टेशू के रंग। न जाने कहाँ खो गये।। वो कागज की नाव, वो वर्षा की […]

अंधकार था रात घना पर सुबह बड़ी सपनीली है जितना काला अंधियारा था उतनी यह रंगीली है अभी इसे तुम छुओ नहीं यह अभी ज़रा सी गीली है सूरज अभी नहीं आया है थोड़ी सीली – सीली है। सूरज की लाली देखो अब कहीं – कहीं पर पीली है । […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।