शिखर शुरू से ही बहुत ही प्रतिभाशाली था l वह बचपन में  गाँव के ही स्कूल में पढ़ता था l उसके शिक्षक उसके कार्यों से सदैव प्रसन्न रहते थे l जब उसने मैट्रिक की परीक्षा दी तब उसके परीक्षा परिणाम से सब अवाक थे कि जिस बच्चे को नब्बे प्रतिशत […]

वो गोली आज तक  छलनी है करती जानों दिल अपने , है जलियाँबाग का मातम मेरी आँखों में बचपन से । भगत सिंह नाम है मेरा मैं फ़ौलादी हूँ तन मन  से, मेरा चोला बसंती  रंग दिया है माँ ने बचपन से । क़सम खाता हूँ मैं अपनी हर इक […]

स्त्री लुटती रही नुचती रही चीख़ती रही चिल्लाती रही पर कोई न था सुनने वाला असहाय खड़ी नीढाल पड़ी रास्ते पर साथ थी उसके तो बस अविरल प्रवाहित होती उसकी अश्रु धारा कितना ज़ालिम है देखो ये ज़माना जिस माँ से जन्म लिया वो भी एक स्त्री है जिसने कलाई […]

खून में उनके  रवानी  रही जोशीली बहुत जवानी रही इंकलाब जिंदाबाद नारा रहा अमर   उनकी  कहानी रही उनको  शत  शत  हमारा  नमन दुनियां भगतसिंह की दीवानी रही बुझदिल नहीं,ना वो कायर रहा याद  उनकी  हमे  कुर्बानी  रही जी रहे  उनके दम से  आज  हम आजादी उन्हीं की  निशानी  रही लहरा […]

हे मानव उठो जागो मुश्किलों को दूर करो राहें कंटीली पर रूकना नहीं लाख बेडियाँ सही पर झुकना नहीं संघर्ष करो हाँ ! संघर्ष करो संघर्षों से निखरा जीवन विजय पाता कठिनाइयों पर भ्रष्टाचार मिटा दो पढ़ा दो पाठ नैतिकता का सदाचार अपनाओ हिम्मत से बढ़ो सही राह पर राहें […]

सवेंदनाएँ शून्य हो गयी,कविताएँ मरने लगी है! रक्तिम स्याही वाली कलमें, निरंकुशता पर मौन धरने लगी है! कवि धर्म बिक गया सभा में,दरबारों की गाथा लिख-लिख! कविता की रोटी सिक रही नित,अधरों को भाग्य विधाता लिख-लिख! कविताएँ निस्तेज हो रही, सत्ता के घर में सो रही! कविताएँ अब हास्य हो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।