अपने गौरवशाली इतिहास की अनदेखी किये जाने का दंश झेलता रक्सौल ऐतिहासिक विरासत की उपेक्षा किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण हरदिया कोठी, रक्सौल की ऐतिहासिक विरासत को गांधी सर्किट में जोड़कर संरक्षित और विकसित किये जाने का प्रस्ताव केंद्र और राज्य के सभी संबंधित मंत्रालयों और विभागों तक पहुंचने के बाद भी […]

80 के दशक में जब गांधी फिल्म रिलीज हुई थी तब तक देश में बॉयोपिक फिल्मों का दौर शुरू नहीं हुआ था। तत्कालीन युवा पीढ़ी के लिए फिल्में देखना भी इतना सहज  नहीं था। चोरी – छिपे फिल्में देखने वाले युवकों की पता चल जाने पर घर में मार – […]

मैंने पूछा लोगों से नारी क्या है? किसीने कहा माँ है,किसीने कहा बहन, किसीने कहा हमसफ़र है,तो किसीने कहा दोस्त। सबने तुझे अलग रूपों में बयां कर दिया। अब मैं क्या तेरे बारे में कहूँ। तू ममता की मुर्त है, तू सच की सूरत है, तू रोशनी की मशाल है […]

गुजर गया तूफान भी , पर उसे हिला ना पाया। मील के पत्थर ने हमेशा अपना फर्ज निभाया।। रहा स्थिर , कभी भी हिला नही अपनी जगह से, बिना बोले,हमेशा लोगो को सही रास्ता दिखलाया।। सही राह  दिखाना  हर  एक के बस की बात नही । दुखो में साथ निभाना […]

गुल की मुस्कुराहट पल दो पल की शाख़ से उसे जुदा होना है अपने नशेमन से बिछड़ के किसी के अरमान सँजोना है। ज़ुल्फ़ों पे सज के तो कभी दैर-ओ-हरम में करना है बयाँ पैग़ाम यही है करम में। तड़प-ए-फ़ुर्क़त भूल के महकना है ग़म में भी ख़ुशी में भी बस… दूसरों के लिए। #डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ Post Views: 32

आज दिन भर आराम करना है।। शिमला की सड़कों पर घूमते रहे। आज सूट बूट भी थोड़े अच्छे वाले पहने है।आज कोई नही कह सकता कि ये पाँचों ईंट रेत और बजरी की ढुलाई करने वाले मजदूर हैं। वैसे भी इन्हें कोई मजदूर कहे तो इन्हे  अच्छा नही लगता। इनको […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।