शब्द समुच्चय मात्र नहीं है संकल्प है एक जो दुहराता है अपनी प्रतिबद्धता को जिसने की है कोशिश चीरने की निसीथ अंधकार को स्व अस्तित्व की लौ से.. वह तुम्हें सीमाओं में बांध रहा था रखा वरदहस्त उसने सतीत्व के रक्षार्थ किया अलंकृत विभिन्न उपमाओं से हाथ बढ़े और बढ़े […]

प्रेम के गीत गुनगुनाने वाली मखमली आवाज़, जो जाफरान की तासीर से तरन्नुम बना देगी, कश्यप की घाटी, पानी की नगरी या शंकराचार्य की भूमि के रूप में, लालचौक से क्रांति कहती जमीं हो चाहे, डल झील से टपकते पानी की बात होगी, शिकारों और तैरनेवाले घर (हाउस बोट) की […]

वो खरीद लेता था सबके आँसू बेधड़क वो इस ज़माने के लिए अभी समझदार न था कुछ तो कमी थी जो तू किसी की न हो सकी तेरा हुश्न कातिल तो था पर ईमानदार न था जनता कैसे रुके सियासती महफिलों में “साहेब” के भाषण में सब था , फिर […]

हवा  भोर  की भर लो सांसों में नव-ताजगी  से तुम भर लो तन  को भी. दिन चढ़े, तीक्ष्ण -धूप सहना   पड़ जाता   है जीवन के आपाधापी में जलना   पड़ जाता   है. उमस से लथपथ  है  समय  अब तो, हो जाती बारिश कभी असमय अब तो. राह जीवन के गंदले हो […]

उदास रात के साये बड़े घने है / तेरी चाहत के उजाले बहुत जरूरी है / चाँद लम्हो की मुलाकाते महकती मुझमे / जिसके आगोश में सांसो का सिलसिला कायम है / महकी महकी सी फिजाओ में तेरी खुशबू है / दूरियां जैसे सीमटसी हो इन हवाओ में / कितने […]

अमृतसर ट्रेन हादसा…………  धू ..धू ..धू..धू जलता रावण, पटरी पर खड़े लोग, एक सौ बीस की रफ्तार से गुजरी ट्रेन, लाशें ही लाशें, चीखें ही चीखें, वो भयानक मंजर, आखिर जिम्मेदार कौन ? ह्रदय विदारक घटना में बच्चे,बूढ़े,जवान की चली गई जान थे जो काल से अनजान ।। हे । […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।