मेरे अंतस्थल में जो है संवेदनाओं का ताना-बाना तुम्हारा ही तो है बुना मैं तो निपट था अनजाना. मैं ठिठुरती सर्दी-सा, था बहुत सहमा-सहमा, कड़क कॉफी की महक-सी तुम ,मेरे भीतर गई समा. नाजुक उंगलियों की छुअन तेरी भर गई मुझमें चिर नरम -सिहरन कहने का अंदाज़ नया वो वो […]
Uncategorized
लखनऊ| गत दिवस लखनऊ में आयोजित समारोह में उ.प्र. विधानसभा के अध्यक्ष श्री हृदय नारायण दीक्षित और उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डा. सदानंद गुप्त ने वरिष्ठ साहित्यकार, पत्रकार श्री विनोद बब्बर को सौहार्द सम्मान प्रदान किया। इस सम्मान में उन्हें ताम्रपत्र, अंगवस्त्रम् और दो लाख रुपये की राशि भेंट […]
