#साझा_संग्रह~ काव्य मञ्जरी #सम्पादक~#सुरेश_सौरभ #प्रकाशक~#नमन_प्रकाशन,लखनऊ #समीक्षक~#संदीप_सरस(9450382515) लखीमपुर जनपद के चर्चित साहित्यकार सुरेश सौरभ के समर्थ सम्पादन में एक बार फिर लगभग साठ रचनाकारों की रचनाओं का संकलन काव्य मञ्जरी के रूप में प्रकाशित होकर पाठको के सम्मुख है। सबसे बड़ी बात यह है संकलन में उन्होंने जहां एक ओर वरिष्ठ […]

धनतेरस है सामने,महँगाई की मार। भूखे पडे गरीब है,करिये भव से पार।। धनवानों मत फेंकिये,दे देना उपहार। कुछ पैसे से हो सके,निर्धन का त्योहार।। चाँदी उसकी है यहाँ,पैसा जिसके पास। चुटकी बजते हो सदा,सारे मन की आस।। धनतेरस पे दीजिए,निर्धन को कुछ दान। सपना देखा रात को,पूर्ण करे अरमान।। धनतेरस […]

उम्र; चालीस पार कर चुकी है, पुनः एक बड़े अंतराल के बाद, गहरी नींद में  सोई ख़्वाहिशें , करवटें लेने लगीं हैं…… फिर इक बार उम्र  लौट  रही, छूटी राहें ,अधूरे सपने,छटपटाते, अन्तर्मन  व्याकुल  बहुत  ही, खुली हवा में सांस लेना चाहता…. कोशिशें  प्रबल हो रही मेरे द्वारा, खुद को […]

कृत्रिम चंद्र परिकल्पना, चलती देश विदेश। बच्चों की प्रतिभा सुनो, होती  खूब विशेष।। .              चन्दा तू मत सोचियो,केवल तेरो राज। चार दिना की चाँदनी, देय हमारे काज।। .              मानवता के पूत हम, करें नित नई खोज। तेरी क्यूँ मर्जी  सहें, करे अमावस  दोज।। .              मानव  ने  दीपक  जला , मेटा  […]

ऊँचाई पर उड़ता शकुनि मन भूल गया अपनी बुराई को। कैसे – कैसे वो नित प्रपंच रचता है दिलाने दूसरे को बुराई।। दूसरे की जिव्हा पर नित अपने शब्दों को बोता है। अपनेपन की आड़ में नित नए षड्यंत्र वो पिरोता है।। कितनी भी कर ले कौव्वा कोशिश,काय काय ना […]

दीये की जोत जो हो तुम सनेह का धृत  मेरा है. सुवासित हवन-धूप-सा मेरे रोम में बसे हो तुम. जीवन यह ढोल है मेरा तेरे   थापों   बिना  सूना. जो तुम्हारी धूप पड़ती है तभी  होता  मेरा  वादन. मेरी  पूजा, मेरा  अर्चन मेरा वंदन,  मेरा  गायन भजन की लय तुमसे है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।