डटे हुए दिन रात दीवाने नित देश मे खुशहाली हो। देखो साथी !उनके घर भी खुशियो भरी दिवाली हो। घर नही है, है देवालय वो पूजा की थाली रख आना। एक दिया उम्मीदों वाला चौखट पर उनके धर आना। खेला कूदा वो जिस आँगन झोली उस माटी से भर लाना। […]

ये खिड़कियाँ भी जाने क्या-क्या याद् दिलाती हैं। खिडकियों से जाने कैसा रिश्ता जुड़ा है मन का ये मुझे पल-पल नये -नये अहसासों के रंग में रंगती रहती है । मुझे बचपन से ही बंद खिडकियों से चिढ़ है बंद खिड़कियाँ घुटन पैदा करती हैं खिड़कियाँ तो खुली हुई,ठण्डी,ताजा और […]

“सुण स्याणा! मंगलवार की धनतेरस है अर बिस्पतवार की दीवाली है. दुनिया ज्वेलरी खरीद रही है. उच्छब के औसर पर सब आप आपकी गृहलक्ष्मी नै हीरा को, प्लेटिनम को, सोना को …आपकी हैसियत के हिसाब स्यूं गिफ्ट देवै है. थे मने के ल्या’र देस्यो?”- सुबह सुबह ई सेठाणी को हुकम […]

जब नए कपड़े सिलवाते थे, और दिवारें रंगती थी,, जब बड़ी बड़ी तस्वीरें हर घर में सजती थी,, शादी ब्याह के जैसे घर में रौनक छा जाती थी,, अब वो दिवाली नही है आती जो पहले आती थी,, जब दिवाली की तारिख़ को बच्चे जबानी रटते थे,, जब लम्बे डंडे […]

कितना सूना है दिल का मेरे आसमाँ, चाँद मेरा न जाने कहाँ खो गया। टूटे तारें मैं ऐसी ही माँगू दुआ, टूटे तारें तो तेरी ही माँगू दुआ, तेरी यादों में खोया रहा इस तरह, रात थी जाने कब फिर ये दिन हो गया। तू ही राहें मेरी तू ही […]

सर्दी आई, सर्दी आई चारो ओर घना कोहरा लायी। आग रजाई कम्बल सबके काम आयी। हरी हरी घास पर कोहरे की बूँद पडे फ्रीज पंखा एसी बंद पड़े कपडे फूल पहनो वरना, मम्मी की डांट पडे सर्दी आई, सर्दी आई चारो ओर घना कोहरा लायी। फसलो देखो तैयार खडे खेतो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।