मेरी दुनियाँ ये चंद लाइने और चंद प्रकाशित कविता और कहानियां हैं। बड़ी शिद्दत और लगन से सजोया है, ये यादों का कारवां मैंने। जानती हूँ, कल कहाँ किसी के पास इतना समय होगा। जो पलट कर कोई मेरी कविता या कहानियां पढ़ेगा, फिर भी मैं कुछ चंद किताबें और […]

1.हम खुशहाली लाएंगे, सब मिल मतदान कराएंगे।। 2.वोट भूल से रह न जाये, आओ हम सब हाथ बढ़ाए।। 3.महिला, बूढ़े या  हो जवान, सभी डालने जाओ मतदान।। 4.हर घर अलख जगाएँगे, वोट की महिमा बताएंगे।। 5.हाथ जोड़कर कहना है, वोट  जरूर  देना  है।। 6.हम सबने ये ठाना है, 100% मतदान […]

कल -कल करती अविरल जल की धारा… पर्वत से झरती पावन धारा… पशु -पक्षियों की प्यास बुझाती , प्रकृति का सुंदर श्रृंगार करती ! स्वच्छ ,निर्मल ,निश्चछल ,चंचल , बहती जाती … झाग बनाती जैसे दुग्ध धारा कल कल……………. आकुल -व्याकुल -सी हो रही , कोई काव्य रचने को मचल […]

तू मेरे एकान्त का एकान्त है कैसे कह दूँ कि मुझे प्यार नहीं साँसों की लड़ियों में गुँथे हुऐ लम्हों के मनके मुझे प्रेम प्रस्ताव ज्ञापित करते हैं क्यों कह दूँ कि मुझे स्वीकार नहीं, शब्द निरस्त हो जाते हैं अधरों पर आकर जैसे लहरें साहिल पर तन्य तारों के […]

कुछ लोगो  के  शांत  चेहरे पर मक्कारी छिपी है। आईने को गुमराह करने की भी अय्यारी छिपी है।। गुमान है इन्हें आसमान में उड़ने का कुछ ऐसे, जिस घोसले ने आसरा दिया इन्हें जीवन भर, उस घोंसले का अस्तित्व ही झुठलाने लगे है। माना कि ऊँचाई पर उड़ने का अपना […]

वैश्वीकरण के इस दौर में सांस्कृतिक अन्तःक्रिया और समंजन की प्रकिया में एक त्वरा परिलक्षित हो रही है। संस्कृति के महत्तम-अवयव के रूप में साहित्य भी इससे असंपृक्त नहीं है। इस संदर्भ में दृष्टव्य है कि भारतीय-भाषाओँ में जहाँ पहले सिर्फ अंग्रेजी-काव्य का व्यापक प्रभाव था, वहीं आज जापानी-काव्य-विधाओं ने […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।