पृथ्वी की प्राचीनतम् महिमा के साथ रहने वाले भारतवर्ष की जाति-जनजाति के वैशिष्ट्य, विभाग और संख्या को लेकर महान पण्डितों के बीच में मतभेद परिलक्षित होता है। संस्कृत साहित्य में निषाद, शवर, पुलिन्द, भिल्ल और कोल्ल इत्यादी नाम से अष्ट्रिक गोष्ठीय जनजाति के उल्लेख हैंं । आर्य लोगों […]

मिनल…एक 14 साल की मासूम लडकी, जिसमें बच्चों वाली चंचलता अभी शेष है और वो अपने उम्र के दोस्त और अपनी कक्षा के सहपाठीयों के संग खेलना चाहती है, घूमना चाहती है। मगर उसकी सभी इच्छाओं पर तब वज्र गिर जाता है जब उसे यह कहकर बाहर जाने से रोक […]

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प्राइमरी का परेशान मास्टर, भयानक सपना देख रहा था। सपने में ही सेल्फी से खिंचा,  फोटो अपना देख रहा था।। पल- पल, हर-पल, फोटो उसे, खींचने का पैगाम मिला था। खुद को साबित करने हेतु, ऐसा काम मिला था।। प्रश्नों से घिरा बेचारा, भले ही गहरी नींद में खोया था। […]

आरक्षण के नाम से, देश हो गया तंग | रोटी अपनी सेंकते, सत्ता बनी मतंग ||१|| जाति नाम रक्षण करें, नहीं गरीबी ध्यान |  कितने ही खंजर भरे,सत्ता एकहि म्यान ||२|| आरक्षण को मेट दो, मिले ज्ञान को मान | आगे तब ही देश बढ़े,बढ़े वतन जग शान ||३|| सत्ता […]

गरल सुधा बन जाता है जब मीरा सी हो भक्ति। अभय हो जाता नर जब हो निष्काम कर्म शक्ति।। अगणित मदन हो न्योछावर शिव चरणों मे तब। मिलती देवों को उनके चरणों मे सच मे अनुरक्ति।। स्मृति आ जाती जग में जब मिट जाती आसक्ति। अन्तर्मन प्रफुल्लित होता जग उठती […]

यादें बड़ी मसखरी हैं बहुत सताती हैं. कभी बोर देती हैं, खुशियों की पोखरी में कभी ढकेल देती हैं, उदासियों के गड्डे में. एकाकीपन के रेत पर यूं  पटकती  हैं  कभी गोया, समंदर की लहरें हैं मानो सब कुछ लीलने को आतुर. कभी दुश्मन बन जाती हैं न जाने कब-कब के, गड़े […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।