नाम- नीलम तोलानी “नीर” पिता:श्री गोविंद सचदेव माता:श्रीमती शारदा सचदेव पति:श्री हरीश तोलानी पु़त्र :खुश तोलानी, रिद्धिमान तोलानी जन्म तारीख – 23/05 शिक्षा- Bsc, MFA,(FINANCE), WSP ..IIM BANGLURU रुचियाँ- लेखन-पठन प्रकाशन: साझा संग्रह: “गूंज”,” शब्दों की पतवार” “शब्द समिधा”,”स्वच्छ भारत” शब्द मंजरी। सिसृषा ,ब्रज कुमुदेश , काव्यांजलि जैसी छंद पत्रिकाओं […]

इन्दौर । मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर संस्मय प्रकाशन द्वारा आयोजित पुस्तक विमोचन एवं चर्चा में मंगलवार को लेखिका नीलम तोलानी ’नीर’ के कविता संग्रह ‘कितना मुश्किल कबीर होना’ का विमोचन एवं चर्चा का आयोजन स्थानीय शिवाजी सभागार, श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में सायं छह बजे होगा। इस […]

कुक्षी में शताब्दी वर्ष निमित्त काव्य उत्सव सम्पन्न छिड़ गया हो युद्ध तम से अगर, एक दीपक जला दो – गुरुजी कुक्षी। हिन्दी की दिग्विजय यात्रा में कवि सम्मेलन के शताब्दी वर्ष निमित्त मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा स्थानीय शारदा मंदिर वाचनालय, कुक्षी में काव्य उत्सव का आयोजन गुरुवार को रात्रि […]

इंदौर। शहर के वरिष्ठ रचनाकार मुकेश तिवारी को दो सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है। माधवी फाउंडेशन द्वारा माधवी मनीषी सम्मान और के. बी. हिन्दी सेवा न्यास द्वारा हिन्दी आराधक सम्मान। यह सम्मान उन्हें  के.बी. हिन्दी सेवा न्यास (पंजीकृत) तथा डॉ. मिथिलेश दीक्षित साहित्य-संस्कृति सेवा न्यास (पंजीकृत) द्वारा आगामी […]

कवि सम्मेलन के इतिहास का आरंभ उत्तर प्रदेश के कानपुर से होता है। भारत का पहला कवि सम्मेलन साल 1923 गयाप्रसाद ‘सनेही’ जी ने कानपुर में आयोजित करवाया था। इसमें 27 कवियों ने भाग लिया। इसके बाद कवि सम्मेलन की परंपरा देश-दुनिया में चल निकली। आज अमेरिका, कनाडा, दुबई जैसे […]

हिन्दी कवि सम्मेलन की सौ साल की यात्रा को मातृभाषा लाएगा जनमानस की बीच इन्दौर। भारत में हिन्दी कवि सम्मेलन का आरंभ सौ वर्ष पूर्व हुआ था। इस वर्ष कवि सम्मेलन का शताब्दी वर्ष है। शताब्दी वर्ष की स्मृति को जनमानस से जोड़ने के उद्देश्य से मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।