✍🏻 डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ बिल्कुल ठीक पढ़ा कि यह समाज अपराधी है, इसे और स्पष्ट करूँ तो वह प्रत्येक व्यक्ति अपराधी है जो अपनी धरोहरों की असल चिन्ता नहीं करता, साहित्य समाज ज़्यादा अपराधी है, आयोजक अपराधी है, हर वह शख्स अपराधी है जो यह चिन्ता नहीं करता कि […]

2 अप्रैल को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित होगा सम्मान समारोह इंदौर। देश की प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘वीणा’ (इंदौर) के संपादक राकेश शर्मा को इस वर्ष के पं. बृजलाल द्विवेदी स्मृति अखिल भारतीय साहित्यिक पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। सम्मान समारोह 2 अप्रैल को सायं 4:00 बजे इंदौर प्रेस […]

✍🏻 डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ‘एक समय आएगा जब अख़बार रोटरी पर छपेंगे, संपादकों की ऊँची तनख्वाह होगी, पर तब संपादकीय संस्थाएँ समाप्त हो जाएँगी।’ ऐसी बात आज़ादी के पहले बाबू विष्णु पराड़कर जी लिख गए, जो आज अक्षरश: सत्य नज़र आ रही है। आज संपादकीय संस्थान तो विज्ञापन या […]

डॉ. वैदिक के विचारों से भावी पीढ़ी को जोड़ेगा मातृभाषा उन्नयन संस्थान इंदौर। पत्रकारिता जगत के हस्ताक्षर व हिन्दी भाषा के सजग योद्धा डॉ. वेदप्रताप वैदिक की स्मृति में मातृभाषा उन्नयन संस्थान विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में व्याख्यानमाला व प्रतियोगिताओं का आयोजन करेगा। इसका उद्देश्य डॉ. वैदिक के व्यक्तित्व व कृतित्व […]

संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष की स्मृति में बिहार स्थापना दिवस पर प्रदान किया गया यह सम्मान पटना। राज्य के रूप में बिहार की स्थापना के सूत्र-नायक थे मुक्त-छंद के पुरोधा कवि, पत्रकार और संपादक बाबू महेश नारायण। उनके ही हृदय में हुए, ‘बिहारी-सम्मान’ के महा-विस्फोट ने बिहार की स्थापना […]

मध्य प्रदेश का साहित्य समाज हर्षित मुंबई। महाराष्ट्र साहित्य अकादमी का सबसे बड़ा सम्मान महाराष्ट्र भारती डॉ. विकास दवे को प्रदान किया गया। इस अवसर पर मंत्री आशीष शेलार , वरिष्ठ साहित्यकार चित्रा मुद्गल, श्री कन्हैया सिंह, श्री श्रीधर पराड़कर, श्री अमरजीत मिश्रा, अभिनेता आशुतोष राणा, मनोज जोशी और पद्मश्री […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।