निर्भया देश की बेटी थी, है और हमेशा ही रहेगी.. तुम्हारे दुख दर्द की पीड़ा, हर किसी के दिल में रहेगी। उस पर किए गए दुष्कर्म, दुराचारअत्याचार के.. एक दो चार छः लोगों, को अपराधी नहीं मान सकते हैं। दोषी तो वह सभी हैं, जो कहते हैं मेरे हाथ.. कानून […]

अभी-अभी कलम पकड़ूँ कोई कलाम पढूं या कलमा इबादत करूँ आदम की खुदा की बुत परस्ती करूँ गर्मी को सहलाऊँ या की शब्दों से पत्थर पिघलाऊँ। नंगे पांव चलूँ मीलों तक पानी भरने या मेघों पर आस लगाऊं अपने पाँवों के छाले देंखू या परिजन का दर्द थोड़ा-सा सहलाऊँ। अख़बारों […]

लोकतंत्र अर्थात् प्रजातंत्र, प्रजा द्वारा चुने जाने का तंत्र.. प्रशासन के लिए चुनाव शासक का जनता के लिए,जनता द्वारा ,जनता का। स्वतंत्र हुआ देश तो गणतंत्र आया, प्रजा का शासन लोकतंत्र कहलाया.. प्रजा चुनती योग्यता के आधार पर शासक हर ओर प्रजा का राज्य छाया । प्राचीन काल में भी […]

बंद करो यह गंदी सियासत लाशों की, मत काटो गर्दन जनता की  आसों की.. जबसे राजनीति बैठ गई है कोठों पर, गांधीजी भी हंसने लगे हैं नोटों परl तिजोरी भर-भरकर खुद को वजीर बना डाला, घोटाले कर-कर इस देश को फकीर बना डाला.. देश को दंगामुक्त और हमें अमनपरस्त रहने […]

भारत में कई प्रकार का मौसम होता है,लेकिन `चरणपादुकीकरण` यानी `चप्पलीकरण` का कोई मौसम नहीं होता। यह पश्चिमी विक्षोभ की तरह कभी भी आ जाता है। बरसता है और चला जाता है। यह परम्परा राजा राम के समय से चली आ रही है। इसका जनक भरत को माना जाता है। […]

हे मृतुंजय,हे महाकाल,हे विश्वनाथ शत-शत प्रणाम, हे करुणाकर,हे डमरुधर शिव त्राहिमाम, शिव त्राहिमाम। संकट के बादल घिरे आज,पथ पर घनघोर अँधेरा है, जीवन साथी के प्राणों पर,चल रहा राहु का फेरा है। माना मैं अधम निरापापी,अपराधी नाथ तुम्हारा ह्ँ, भौतिक लिप्सा में डूब प्रभु मैं कर्म चक्र का मारा हूँ। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।