शिक्षा मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक ने आज घोषणा की है कि उनका मंत्रालय उच्च शिक्षा में भारतीय भाषा के माध्यम को लाने की कोशिश करेगा। बच्चों की शिक्षा भारतीय भाषाओं या मातृभाषाओं के माध्यम से हो, यह तो नई शिक्षा-नीति में कहा गया है और कोठारी आयोग की रपट […]

आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सांप की बाॅबी में हाथ डाल दिया है। उन्होंने उप-राष्ट्रपति वेंकय्या नायडू, आंध्र के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आंध्र के अन्य नेताओं को अपने एक ऐसे तर्क में लपेट लिया है, जो मूलतः गलत है लेकिन जिसने सभी नेताओं की बोलती बंद कर […]

अंग्रेजी अखबार ‘मिंट’ में छपे आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के सिर्फ 6 प्रतिशत लोग किसी तरह अंग्रेजी बोल लेते हैं। अंग्रेजी को सिर्फ ढाई लाख लोगों ने अपनी मातृभाषा लिखवाया है। वास्तव में इन ढाई लाख लोगों की माताएं अंग्रेजीभाषी होंगी, इसमें भी मुझे संदेह है। जो […]

इस समय देश की कोई भी राजनीतिक पार्टी ऐसी नहीं है, जिसे विश्वास हो कि वह चुनाव जीत जाएगी और वह सरकार बना लेगी। भाजपा और कांग्रेस अखिल भारतीय पार्टियां हैं। देश के लगभग हर जिले में इनका संगठन मौजूद है। इन्होंने अपने दम पर केंद्र और प्रांतों में सरकारें […]

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने अपने प्रदेश में एक ऐसा काम कर दिखाया है, जिसका अनुकरण देश के सभी हिंदी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को करना चाहिए। उन्होंने आदेश जारी किया है कि हरियाणा का सरकारी कामकाज अब हिंदी में होगा। जो भी अफसर या कर्मचारी अब अंग्रेजी में कोई […]

मैं पहले ही लिख चुका हूं कि मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के भाजपा मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्य में काफी अच्छे काम किए थे लेकिन उनकी हार का बड़ा कारण नोटबंदी, जीएसटी, अनुसूचित संशोधन कानून, फर्जिकल स्ट्राइक, सीबीआई और रफाल-सौदे आदि की बदनामियां रही हैं। सच्चाई तो यह है कि उन्हें […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।