हिंदी एक मात्र ऐसी भाषा है जिसे अन्य प्रांतीय लोग भी बड़ी सरलता से सहजता से बोलने व समझने का सामर्थ्य रखते हैं । हिंदी एक ऐसी भाषा जो सही अर्थों में जन जन को एक सूत्र में बांधकर रखकर माँ स्वरूप अपनी अन्य भाषा बेटियों को एक साथ लेकर […]
तुम्हारे मौन से मेरी बातों का टकराना, बिन शब्दों में न जाने कितनी आशाओं का रह जाना, संभव नहीं प्रत्यक्ष मिलन तो, आकर स्वप्नलोक में मिल जाना, कुछ अपनी कह जाना, कुछ मेरी भी सुन जाना, भीतर व्याकुलता मन ही मन है कुछ रिसता, न कोई बंधन न कोई रिश्ता, […]
भीतर-भीतर झांका मैंने, अरमानों की डोली को टूटा-टूटा पाया मैंने। रिश्तों में एक प्यार का रिश्ता हिस्सों में बांटा मैंने, सूना-सूना आखों का मंज़र मन खंडहर-सा होते देखा मैंने। खोखली मुस्कानों में क्रंदन को, छुपते देखा मैंने। साथ होकर साथ न होना, आना और आकर जाना वो दर्द दोनों के […]
विचित्र विडंबना… कौमार्य को तुमने शरीर तक सीमित कर दिया, कर दिया सीमित अखिल प्रेम.. जो हो सकता था, मेरा प्रेम तुम्हारे लिए। जो सिंदूरी हो सकता था, तुम देखो भीतर मन प्यासा-सा रह गया। भ्रमित-सा, मन का क्षितिज रह गया, शरीर की परिधि तक न स्वीकार करो… समझो तो […]
उलझा मन, घायल तन आंखों में रुका, खारा जल रुक जाऊं… या बढ़ जाऊं! तुम्हें देखूं! या अनदेखा कर दूं, देखो वो देखो चारों ओर यही शोर था, सुनो सुनो… व्याकुलता लिए असमर्थ क्रंदन था, भूमि की गोद मौन शरीर था। भावनाएं,संवेदनाएं लिए थी खालीपन, शायद अंर्तमन को प्रश्नों ने […]
बात-बात पर माईक पकड़ कर रोता कौन परिंदा, मगरमच्छ हक्का-बक्का देख हुआ बहुत शर्मिंदा। सेवक बता खुद को जा विदेशों में मौज करते, आए दिन कह मन की बात जनता को ठगते। विदेश मंत्री भ्रम में, करुं या न करुं शंका, तैयारी मैं करुं, पहुंचते हैं ये अमेरिका या श्रीलंका। […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।