बचपन

0 0
Read Time1 Minute, 59 Second
surendra aagi
कि अब नहीं उड़ती धूल मेरी गली में,
नहीं गूंजता बच्चों का शोर मेरी गली में।
न कोई कुल्फी वाला,और न चाट वाला,
अब कोई नहीं आता जादू दिखाने वाला।
अब नहीं खेलते बच्चे रेस टीप गिल्ली, डंडा भौंरा बॉटी,
अब नहीं दिखते बच्चे लोटते धूल में और लपेटे माटी।
अब नहीं मिटाते पैर से बच्चे किसी गुड़िया के बनाए घरघुंदिए को,
बहती बरसाती पानी में छप-छपकर चलते बच्चे।
कागज की नाव चलाते हवाई जहाज उड़ाते,
एक-दूसरे की कमीज पकड़े रेलगाडी चलाते।
मुँह पर हथेली रख कु…की आवाज लगाते,
नहीं दिखते मेरी गली में।
सोचता हूं जमाना अब कितना
बदल रहा है,
देश डिजिटली मजबूत हो रहा है,
या इंसान फिजिकली कमजोर।
बचपन कैद हो रहा है टीवी और मोबाईल में,
संवाद बंद हो रहे फेसबुक-वाट्सअप के प्रोफाईल में।
बंद हो गए रामधुन,गीता और रामायण,
यत्र-तत्र सर्वत्र डीजे का शोर और पॉप रेप का गायन॥
गुम होती भारतीय संस्कृति और सभ्यता को बचा लो,
फिर से वही शोर गुंजा दो मेरी गली में॥
                                                                    #सुरेन्द्र अग्निहोत्री ‘आगी’
परिचय: सुरेन्द्र अग्निहोत्री ‘आगी’ ने बी.काम.और डी.एड. के साथ ही  एम.ए(हिन्दी तथा इतिहास) भी किया है। १९६२ में ६ जुलाई को जन्मे और पढ़ाई के बाद शिक्षक बने। आप छत्तीसगढ़ के जिला महासमुन्द में निवास करते हैं। छत्तीसगढ़ी और हिन्दी भाषा में आपकी २ किताब शीघ्र ही छपकर आने वाली हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

ये हिन्दुस्तान है,पाकिस्तान थोड़ी है..

Fri Aug 4 , 2017
कहते हैं कहने दो हम नादान थोड़ी हैं, हम वतनपरस्त हैं कोई बेईमान थोड़ी है। जब दिल चाहेगा हमें खरीद लोगे क्या, ये हमारा दिल है कोई सामान थोड़ी है। लगती है आग तो बनते हैं तमाशाई, ये लोग बड़े हैवान हैं इंसान थोड़ी हैं। मैं जानता हूँ उसकी फितरत […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।