ठाकुर केदारनारायण सिंह की तिमंजिला कोठी में जश्न मनाया जा रहा है | देर रात तक ढोल टनकती रहती ,जुग जुग जिए रे ललनवा ,के अंगनवा के भाग जागे , जच्चा बच्चा ,सोहर नटका सब चलता ,बेसुरी हो या सुरीली सभी बहुएँ गाने को उतावली थी | आखिर बड़ी बहू […]

पुष्प के आसन बैठी लिये कर, बीन सुरूप छटा छिटकावति। पूरन चन्द समान सुआसन, कंज सों नैंनन की छवि छाजति।। जाके पवित्र चरित्र सदा, सब देव-अदेव हैं चाव सों गावति। सो वरदायिनी देवी सदा, “मृदु” भक्तन के हित सिद्धि है लावति।। #डा. मृदुला शुक्ला “मृदु” लखीमपुर – खीरी  उत्तर – […]

चटके हुए तो थे ही लो जी बिखर गए। अल्फाज कुछ तुम्हारे आज घर कर गए॥ मुद्दत के बाद आए मिलने मजार पर। मुस्कुराकर बोले कब आप मर गए॥ हुआ तो कुछ जरुर है कोई तो सबब है। क्यों दिल में रहने वाले ही दिल से उतर गए॥ हर आदमी […]

ऐ वक्त तुझसे थोड़ा वक्त चाहता हूँ। खुद गुमशुदा हूँ अपनी शिनाख्त चाहता हूँ॥ दिल की वजह से मैंने झेले हैं रंज कितने। दिल को करना अब मैं सख्त चाहता हूँ॥ बस जिन्दगी तुझको जीना चाहता हूँ। न ताज चाहता हूँ न तख्त चाहता हूँ॥ जिन्दगी में जीत इतनी भी […]

देखो बिना टिकट का खेल, छुक-छुक करती आई रेल। लाल घघरिया पहने बिल्ली, बैठ  गई  जाने  को  दिल्ली। दौड़ा-दौड़ा  आया भालू, रेल हो गई तब तक चालू। बड़ी जोर से चिल्लाया बंदर, चाचा  जल्दी  बैठो  अंदर। ज्योंज्यों भालू कदम बढ़ाता इंजन आगे बढ़ता जाता। तेज दौड़कर भरी छंलाग, उलझ  गई  […]

फिक्र है किस बात की सब राम तुम्हें देंगे, चरणों में रखो आसरा आराम तुम्हें देंगे। सांसों की माला में बस राम नाम हो, खुशियों से भरी सदा सुबह-शाम तुम्हें देंगे। जीवन की दौड़ में भी हों राम स्मरण, भवसिन्धु बेड़ा पार कर विश्राम तुम्हें देंगे। हर क्षण करे प्रार्थना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।