पिघलता है जब हिमालय तब जाकर कहीं नदी में बहती है साँसें नदी में संचरित होता है जब जीवन तब जाकर कहीं खेतों में सरसों के फूल खिलते है गेहूं की बालियाँ लहलहाती है धान की खुशबू महकती है खेत हरित होते है जब तब जाकर कहीं पहाड़ जीवंत होते […]
shankar
भैयाजी का नाम है भगवान् स्वरूप किन्तु लोग इन्हे भाईचारे के कारण भैयाजी शब्द से संबोधित करते है। शादी-विवाह, मौत-मरकत, जाति-बिरादरी, जान-बरात, स्कूल-अस्पताल, थाना-चुगीनाका कहीं पर भी आपके दर्षन हो सकते है। कभी वे किसी से बतियाते, ताल ठोंकते, हाथ उठाते, नारा लगाते, तख्ती पकड़े, माइक थामे, रेली में धरने […]