फितरत

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फितरत से वो बाज ना आएं,
जो दिल के काले होते हैं।
चेहरे पे चेहरे लाख चढ़ाएं,
जो झूठ के पुतले होते हैं।

हर पल और हर मौसम में,
गिरगिट सा रंग बदलते हैं।
दौलत शौहरत की खातिर ,
अपना ईमान बेचते हैं।

मिश्री से बोल जुबां पे रहते,
शुभचिंतक बनते फिरते हैं ।
भोकें छुरा सदा पीठ पर,
जो अपने बनते फिरते हैं।

चिकनी चुपड़ी बातें करके,
हमें मक्खन खूब लगाते हैं।
ऐसे, वैसे और कैसे भी ये,
बस अपना काम बनाते हैं।

खुद के दोष छिपाने को ये,
औरों के दोष गिनाते हैं।
अपना गला बचाने को नित,
औरों पर इल्जाम लगाते हैं।

लालच के भेड़िए आस पास,
खुले आम विचरण करते हैं।
घात लगाए लगाकर बैठते ये,
चतुराई से वार फिर करते हैं।

जो स्वार्थ पूजते फिरते हैं,
बड़े मन के मैले होते हैं।
खुद के दुर्गुण ना देखना चाहें,
औरों में खोजते रहते हैं।

सुख चैन लूट कर औरों का,
मन्द मन्द मुस्काते हैं।
पहुंचा कर चोट किसी को ,
धीरज फिर बंधाते हैं।

मासूमियत का पहन चोला,
ये बहरूपिये बन जाते हैं।
अपने गैरों की भीड़ में ये,
ना पहचाने जाते हैं।

लो बुद्धि से काम सदा तुम,
यूँ ही ना एतवार करो।
नीर क्षीर विवेक से तुम,
अपनों की पहचान करो।

बनेगा जीवन सरस तुम्हारा,
बस इतना सा काम करो।
ऐसे फितरत बाजों पर,
कभी ना तुम विस्वास करो।

स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद-औरैया

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।