विगत आधी सदी से भी कुछ अधिक अवधि से मैं अवलोकन करता आ रहा हूँ कि क्षेत्रीय बोली के नाम पर अधिकतर व्यक्ति, कुछ से कुछ लिखते हुए गुणवत्ता के प्रति सचेत नहीं रहते हैं। फलतः अपेक्षित स्तर का प्रायः अभाव रहता है। विषय-वस्तु, भाव एवम् भाषिक रूप से भी। और, इसीलिये; स्थानीय स्तर पर ही […]

नई लोकसभा के चुनाव परिणाम आ चुके हैं। यह हर्ष का विषय है कि राष्ट्रीयता व देश-प्रेम इन चुनावों में प्रमुखता से उभर कर आए हैं । यह सार्वभौमिक सत्य है कि भाषा-संस्कृति किसी भी देश की राष्ट्रीयता का प्रमुख आधार होते हैं। भाषा के माध्यम से संस्कृति आगे बढ़ती […]

देश में एक ऐसा वर्ग बन गया है जो कि संस्कृत भाषा से तो शून्य हैं परंतु उनकी छद्म धारणा यह बन गयी है कि संस्कृत भाषा में  जो कुछ भी लिखा है वे सब पूजा पाठ के मंत्र ही होंगे जबकि वास्तविकता इससे भिन्न है। देखते हैं –   *”चतुरस्रं मण्डलं […]

  नई दिल्ली सांध्यकालीन संस्थान ने 8 मार्च, 2019 को भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली के परिसर में संस्थान की अध्यक्ष और सुप्रसिद्ध समाजसेवी सुश्री सुरेंदर सैनी की अध्यक्षता में “डॉ. नगेन्द्र साहित्यिक संगोष्ठी और दीक्षांत समारोह’’ संपन्न हुआ। संस्थान के प्रभारी और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. पूरन चंद टंडन […]

मॉरिशस में आयोजित होने वाले 11 वें विश्व हिंदी सम्मलेन के अवसर पर केंद्रीय हिंदी निदेशालय,मानव संसाधन विकार मंत्रालय, भारत सरकार ने ‘भाषा’ पत्रिका का मॉरिशस के हिंदी साहित्य पर केंद्रित विशिष्टांक प्रकाशित किया. यह विशिष्टांक अपने आप में विशेष है, इसमें वैश्विक स्तर पर हिंदी के विकास को विशेष […]

स्वभाषा के महत्व को जब तक नहीं समझा जाएगा तब तक उसका विकास संभव नहीं है। इंग्लॅण्ड भी जब फ्रांसीसियों के शासन में था तब अंग रेजी केवल बोलने वाली भाषा थी।  अंगरेजी तब ही प्रतिष्ठापित हुई जब वह ज्ञान विज्ञानं की भाषा हुई। हिंदी विश्व में तीसरे नंबर पर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।