घाटी नर्क बनाकर दिल्ली बैठी पहन चूडियाँ किन्नर रोना रोती है |       सिंहों के जिस्म कुत्ते नोच-नोच खाते शौर्य-वीरता के सम्मुख दीवार बना कानून राजनीति बंदूकों के मुख ताले लगवाती है |                  देखो कैसे स्वार्थवश दिल्ली विषधरों को दूध पिलाती है मेरे देश के वीर जवानों को […]

भिवानी | 24 मार्च को भिवानी हरियाणा में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया जायेगा, जिसमें साहित्य शिक्षा को समर्पित गुगन राम सोसायटी रजि.भिवानी व टाटिया विश्व विद्यालय, श्रीगंगानगर के संयुक्त तत्वावधान में इक्कीसवीं सदी नव विमर्श विषय पर 24 मार्च को आर्य समाज घंटाघर सभागार में एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय […]

‘माँ हिंदी’ संजीव कुमार गंगवार जी द्वारा लिखित एक अमर ग्रंथ है | राजभाषा/राष्ट्रभाषा हिंदी को समर्पित यह ग्रंथ हिन्दी साहित्य की जानकारियों को अपने आप में प्रत्येक कालखंड सहित समेटे हुए है, जिससे शोधकर्ताओं को अत्यधिक पसंद आयेगा ग्रंथ – माँ हिंदी | 280 पृष्ठों में लिखित यह दस्तावेज […]

कौआ काला-काला | खोल लिया इसने अक्ल का ताला ||     काँव-काँव का राग सुनाता | पर कभी न धोखा खाता ||        कौआ काला-काला | इसका बड़ा बोलबाला || छत की मुंडेर पर काँव-काँव बोले | चुन्नू-मुन्नू के मन में मिश्री घोले ||        प्यारे-प्यारे मामा आयेंगे | चना-रेबडीं […]

सुबह-सुबह रमुजिया की झोपड़ी पर नगर निगम के कर्मचारियों ने धावा बोल दिया | दलील थी कि देश के प्रधानमंत्री शहर में दौरे पर आ रहे हैं और उनका काफ़िला इसी मुख्य सड़क से होकर गुजरेगा | वे अगर ऐसी गंदी झोपड पट्टी को देखेंगे तो उन्हें बुरा नहीं लगेगा […]

लो आ गया बसन्त, मौसम में आई बहार | कर्णप्रिय वीणा झंकार || लो आ गया बसन्त, फूल हुठी पीली सरसों | गोरी का चंचल मन हर्षो || लो आ गया बसन्त, पतझड़ सारा बीत गया | पुष्प सुगंधित खिल गया || लो आ गया बसन्त, बंद ज्ञान चक्षु खोल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।