अब हर रोज़ उनसे मुलाकात नही होती , हर छोटी-बड़ी कोई खास बात नही होती। कुछ मसरूफ़ वो भी है,कुछ समय हमारे पास भी नही, दूर रहने की वजह भी कोई ख़ास नही, चंद लम्हों की भी अब बरसात नही होती, अब हर रोज उनसे मुलाकात नही होती। पहले आते-जाते […]

कोमल का आज इंटरव्यू था ।अपनी पूरी तैयारी के साथ उसने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए ।उसे उम्मीद थी कि यह जॉब उसे ही मिलेगी । पेनल ने कोमल का नाम सिलेक्ट भी कर लिया था। लंच में  पैनल के एक बड़े अधिकारी ने कोमल को अकेले अपने केबिन में […]

कवि की .. कल्पना में , कल रात कुम्हलाई सी कोई कली , कुसमुसाई थी..! काली रात, काली आँखें, काजल से भरी, कल्पना कर रही थी किसी से मिलन का, काया गोरी, कमल सी गुलाबी, देह कोमल ह्रदय में कवि के लिये, उपजा प्रेम काले बादल कहीं खो कर भी […]

है शूर वीर,वो तिलक धीर है  हमराज वो देश का है शौर्य उसमे ,पराक्रम भी उन्मुक्त देश के उड़ान सा दुश्मन की धरती पर जब गिरा वो वीर जांबाज़ न घबराया, न हारा दे दी मूछों पर ताव न बिगाड़ सका कुछ नापाक पाकिस्तान है उसके हौसलों में  देश के […]

मैं नन्ही कली नादान बनूँ तो सबका दिल बहला दूँगी मैं ममता तज काली रूप धरुँ तो ब्राह्मण्ड को दहला दूँगी मेरी अरज सुनो एक अवसर दो बेटी की क्या गरिमा जग में ये सबको मैं बतला दूँगी अपनेपन का अहसास रखूँ मैं खुद पर ये विश्वास रखूँ खुश रहूँ […]

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झर जाते हैं सूखे पत्ते, आती है नई कोपलें आ जाती है गेंदे की बहार, तब बसन्त होता है…। पीले पुष्प,पीली सरसों, पीला परिधान,पीला श्रृंगार बनते हैं पीले पकवान, तब बसन्त होता है…। ज्ञान की देवी,स्वर की जननी, माँ सरस्वती,वीणा वादनी होता है माँ वासन्ती का जन्मोत्सव, तब बसन्त होता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।