अभी कुछ दिन पहले सरकार ने बचत योजनाओं पर ब्याज दर कम करने का एक ऐसा फैसला लिया था जिसे चौबीस घंटों से भी कम समय में ही वापस लेने की घोषणा वित्तमंत्री को करनी पड़ी। कहा जा सकता है कि यह देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा ऐसा फैसला था […]

वैशविक परिदृश्य में कुछ घटनाक्रम ऐसे होते हैं जो अलग अलग स्थान और अलग अलग समय पर घटित होते हैं लेकिन कालांतर में अगर उन तथ्यों की कड़ियाँ जोड़कर उन्हें समझने की कोशिश की जाए तो गहरे षड्यंत्र सामने आते हैं। इन तथ्यों से इतना तो कहा ही जा सकता […]

तन को पवित्र करे कार्य सब सिद्ध करे गंगा को नमन करे लोग मैंने देखी हो रघुकुल नायक को हठीले भगीरथ को गंगा को बुलाते हुए योगियों ने देखी हो दीप जले शंख बजे आरती मृदंग बजे अनुपम भाव लिए लोग मैंने देखी हो भारत के नायक को गंगा गुण […]

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सगर हृदय इच्छा जागी मैं चक्रवर्ती सम्राट बनूं, अश्वमेध यज्ञ मैं करवाकर,कुल और वंश जयवंत करूं। साठ हजार पुत्र मेरे,भला मुझको कौन हराएगा, अश्वमेध का घोड़ा मेरी,विजय ध्वजा फहराएगाll सिंहासन जब हिला इंद्र का सगर की पूजा मंत्रों से, ऋषि कुटी में बांधा अश्व को,इंद्र ने अपने तंत्रों से। देख […]

  वक्त की रेत पर जीवन की कश्ती है, साहिल की लहरों पर जिंदगी गुजरी है। करवट-करवट मौत मिली, पल छिन खुशियाँ भी आई हैं आँसू मुस्कान की चादर लेकर, हमने रात बिताई है। कभी गम के बादल छाए, कभी हर्ष की बरखा हुई सूखी रेत पर कभी हमने सपनों […]

यादों का इक दरिया, तेरे दिल की हर गली से हो  के  लौट आया  है। हर वो याद जिसमें, मेरी तन्हाईयों के तोहफे थे समेट  लाया था। तेरी दुनिया की सारी, वीरानियों  को आबाद कर खुद को तन्हा कर आया। यादों का इक दरिया, बहाकर सारे सितम खुशियों के चराग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।