मैंने अपने मन के आँगन में यादों का एक पौधा लगाया है, उसे रोज मैं अपने भावों के जल से सिंचित करती हूँ, उसके बढ़ते हुए स्वरुप को निहारा करती हूँ, कभी उसकी नन्हीं पत्तियों को सहलाती हूँ, कभी उसकी हरियाली पर मंत्रमुग्ध हो जाती हूँ, मेरी यादों के इस […]
कर्म सदा अच्छे करो सबका आशीष तुम पाओगे, दिल में सबके राज करोगे और-सबके बन जाओगे। पावन कर्मों से हम सब सबके प्रिय बन जाते हैं, जब कभी हम न हों तो फिर,सबको याद आते हैं। भूखे को भोजन करवाना प्यासे को पिलाना पानी, चेहरे पर मुस्कान रखना और मीठी […]
मन की आँखें खोल के देखो ये संसार, चहुँओर प्रेम दिखेगा और दिखेगा प्यार। जो तुम्हारी आँखें देखती वो अक्सर सच नहीं होता, आँखों देखा हाल भी झूठ के बीज है बोता। मन होता है गंगाजल जैसा पावन और पवित्र, इसके अनुरुप तुम चलो और,बनो सबके मित्र। ह्रदय की कोमलता […]
प्रेम-प्रीत की बात करें सब असली प्रेम न जानें, प्रेम के दो अक्षर लगते देखो कितने सुहाने। प्रेम की भाषा बालक समझे और समझे मूक प्राणी, प्रेम के भाव से बोली हुई मीठी लगती है हर वाणी। माँ का प्रेम तो अज़र-अमर है पिता का स्नेह अनमोल है, भाई-बहन और […]
राह कठिन है जीवन की, पर फिर भी चलते जाना है। नील गगन के पास जाकर, विजय की परचम लहराना है॥ आज गिरे हैं कल उठेंगे, और फिर दौड़ लगाएंगे। राह की कठिनाइयों से हम, नहीं कभी घबराएंगे॥ क्या हुआ जो आज है अँधेरा, कल उजाला हो जाएगा। आज की […]
हे ! राम तुम्हारा नाम लेकर ये जगत सारा जीता है, जीवन की कठिनाइयों भरा जहर सारा पीता है। मुश्किल घड़ी जब आती है तो तुम ही याद आते हो, दर्द भरे ज़ख्मों को हमारे तुम ही तो सहलाते हो। जन्म-मरण के बीच की तुम ही तो कड़ी हो, तुम […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।