आज की ये रात , है भारत के लिए खास , 1947 को इसी दिन , हो रहा था स्वतंत्रता का आगाज़ , नीव रखी जा रही थी , सालों की तपस्या की , तस्वीर रची जा रही थी , जब पूरा विश्व , अँधेरे में सो रहा था , […]

तीन रंगो में है लिपटी , एशिया में है रहती , अशोक चक्र से पहचान है , हिंदी जिसका अभिमान है , हिंदुस्तान उसका नाम है , हिंदुस्तान उसका नाम है । नीले चादर तले , गंगा यमुना बहती है , शालीमार की बाग , हिमालय वहीं की बेटी है […]

नीले चादर तले हरियाली है छाई , देखो बूंदे भी घर से बाहर हो आई , बूंदे बहती गयी हवाओं तले , सूरज जी भी बादल में छिप बोले , ये कैसा जुनुन छाया है , मोर भी नाचने को आया है , आसमाँ के कोरे कागज पर , क्यों […]

एक कली थी , खिल रही थी , हँसती खिलखिलाती , हर फूलों से मिल रही थी , कभी सूरज से छुपछुपाती , कभी तितलियों संग इठलाती , रहती हमेशा , हँसती गुनगुनाती । वक़्त बीतता गया , समय बढ़ता गया , पर क्या पता था , बीतते वक़्त के […]

जमीन बिक चुकी है , आसमान बिक चुका है , ख्वाहिशों के धंधे में , हर अरमान बिक चुका है , पल भर का समय नही , पल भर का समय नही , की खुद को समय से तौलु , सपनों के तलाश में , समय का आशियाँ बिक चुका […]

रातों की नींद,जब ख़्वाबों से टकराती है, सपने,नींदों से समझौता कर आती हैl  न जाने कैसा वो जूनून होता है, न जाने कैसा वो सुकून होता हैl न जाने वो कैसी कहानी लिख आती है, मुकम्मल एक दास्तान हो जाती हैll  पलक के फ़लक़,जुनूनीयत बन आती है, कायनात भी तब,सिर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।