गंगा दूषित हो जाएगी,लज्जित होते भूप मिलेंगे कलयुग में न जाने कितने,जयचंदों के रूप मिलेंगे। सब मनु रोगी हो जाएंगे,सैनिक लोभी हो जाएंगे, नित्य नए नव धर्म चलेंगे,साधु भोगी हो जाएंगे। सागर को उपदेशित करते,जग के सारे कूप मिलेंगे, कलयुग में न जाने कितने,जयचंदों के रूप मिलेंगे। ज्ञानी मौन रहेंगे […]