मैंने तुमको खो दिया इस जिंदगी की कसमकश में किन्तु तुमको देख पाया प्यार की प्यारी बहस में प्रेम की पीड़ा विरह के अश्रुओं को याद करके फिर तुम्हारे रंग में ढलना चाहता हूँ, मैं तुम्हारे साथ चलना चाहता हूँ।। जिंदगी को घोलकर के जब पिया तब होश आया कौन […]

आयी है रंगीन होली खुशियों का त्यौहार है, उड़ रहा है लाल गुलाल मस्ती की बहार है, मस्ती में झूम रहा अमवा बाजार है। कोई साली को रंग लगाये कोई भाभी को लगाये गुलाल, खुशियों के त्यौहार में रंग जाते सबके गाल, रंगमय दिख रहा सुन्दर संसार है मस्ती में […]

पढ़ो – लिखो, करो उपकार वृत की परिधि = 2 π r मधुर बोलो, बोलो सच बेलन का आयतन= π r² h सादा जीवन उच्च विचार वर्ग का क्षेत्रफल= (भुजा)² हे कर्मठ! क्या है तेरी रज़ा वर्ग का विकर्ण = √2 × एक भुजा संस्कार मिला, मिला संसार वृत्त का […]

काश! मैं इस नीरव आकाश तले स्वतंत्र विचरण कर पाती काश! यह निर्बाध समीर मेरी देह को मृत्युंजयी स्पर्श दे पाता काश! रात्रि की गोद में बैठ गंगा लहरियों की स्वच्छंद जलक्रीड़ाएं महसूस कर पाती काश! चांद की चंचल चंद्रिकाएं मेरे कपोलों से मनोनुकूल खेल पाती काश! आकाश का शीतल […]

अभी- अभी ही संदेश आया- ‘ गुंजन विधवा हो गई’ इस खबर ने सुनहरे ख़्वाबों को कोहरे- सा ढक लिया। अभी – अभी मेरे सामने ही तो उसका किसलय फूटा था उसने गुलाबी लालिमा के साथ इस दुनियावी आब को स्पर्श किया था और अभी शंखध्वनि गूंजी कि उसे सौंपा […]

कुरुक्षेत्र की युद्धभूमि में श्रीकृष्ण ने जो उपदेश दिया था वह श्रीमद्भगवदगीता के नाम से प्रसिद्ध है। यह महाभारत के भीष्मपर्व का अंग है। जैसा गीता के शंकर भाष्य में कहा है- तं धर्मं भगवता यथोपदिष्ट वेदव्यासः सर्वज्ञोभगवान् गीताख्यैः सप्तभिः श्लोकशतैरु पनिबन्ध। गीता में १८ अध्याय और 700 पठनीय एवं […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।