इंदौर। हिन्दी भाषा के लिए साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश शासन द्वारा अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार के लिए चयनित मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा जलियांवाला बाग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कविता प्रतियोगिता में दिल्ली की चन्द्रमणि मणिका विजेता बनीं। मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया […]

स्वनाम धन्य है अमृतसर नानक की धरा, अमृत है भरा इक ऊंकार हर ज़ुबान पर रहे सेवा का व्रत सबने है लिया हिंदूस्तान की आज़ादी थी धर्म खेत -खलिहान, गली-मोहल्ला युवा–सा जोश, उम्र का नाम होश 1919 की बैसाखी ने रचा इतिहास पंज दरिया की‌ धरा ख़ून से नहाई जलियांवाला […]

आज़ादी के पन्नों पर, जलियांवाला बाग। आज भी ऑंखें भीगती, मन हो जाता है उदास। रोलेट एक्ट विरोध था, पर शांतिमय स्वरूप। लेकिन जनरल डायर तो, बन गया था यम का दूत। करवाया नरसंहार वो, फैला था ख़ून ही ख़ून। निहत्थे मारे गए, बस दिखा था ख़ून ही ख़ून। हृदय […]

आओ-आओ एक बात बतायें, भारत का इतिहास सुनायें, कहतीं थीं दादी और नानी, उनकी कहानी मेरी ज़ुबानी।। भारत के वीर सपूतों ने, देखो कितना त्याग किया, आज़ादी की खातिर अपने, प्राणों का बलिदान दिया।। ब्रिटिश शासन ने तो देखो, कितना अत्याचार किया, क्या बूढ़े, क्या महिला, बच्चे, सब पर ही […]

कला जो कानून हो गया। मानवता का ख़ून हो गया। वहशी खेल दरिंदों का वो। सपना चकनाचूर हो गया। बिछड़ गए अपनों से अपने। धूल हुए आँखें के सपने। फिर भी अड़े रहे परवाने। आग भरी राखों के तप ने। मिट्टी का रंग लाल मिलेगा। गोरों का जंजाल मिलेगा। जीवन […]

दिन था बैसाखी का चहूं ओर ख़ुशियाँ थीं फैली, वह क्रूर अत्याचारियों ने बच्चों तक की जानें ले लीं। जलियांवाला कांड है बलिदान वीरों की कहानी, यह वह मंज़र था, जहाँ दिलों में अमर्ष और आँखों में पानी। भीगे हुए थे रक्त में पल्लव और पुष्पों का था खौफ़ मंज़र, […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।