ज़ुबां पे कैसे आता मेरे इश्क का फसाना, उसे वक्त ही नहीं था जिसे चाहा था सुनाना, ============================ मेरे साथ घूमते हैं पूरी रात चाँद-तारे, इनका भी नहीं है क्या मेरी तरह ठिकाना, ============================ आज़मा ले शौक से तू गैरों की भी वफाएँ, कहीं भी नहीं मिलेगा मुझ सा तुम्हें […]

चाँद माथे पे, निगाहों में सितारे लेकर, रात आई है देखो कैसे नज़ारे लेकर, ======================== सुबह तक याद ना करने की कसम टूट गई, नींद आई तेरी यादों के सहारे लेकर, ======================== नहीं आसां है सजा लेना हंसी चेहरे पर, भीगती आँखों में सुलगते शरारे लेकर, ======================== हाथ आया ना […]

दिल कहूँ दिलबर कहूँ दिलदार दिलरूबा कहूँ, कभी तुम्हें सनम कहूँ कभी तुम्हें खुदा कहूँ, ============================ हमसफर तू हमकदम तू हमदम तू हमराज़ तू, तुमको ही मंज़िल कहूँ तुमको ही रास्ता कहूँ, ============================ मौजूद ना होके भी तू हर वक्त मेरे पास है, महबूब मेरे किस तरह मैं तुझको बेवफा […]

करम करे न करे हमपे ये है काम उसका दिल पुकारता है हर घड़ी बस नाम उसका ========================== दस्तक जब भी होती है मेरे दरवाज़े पर मैं समझता हूँ आया है कोई पैगाम उसका ========================== न आया है वो और न ही कभी आएगा फिर भी है इंतज़ार सुबह – […]

तू मेरे दिल, मेरी जां, मेरे ईमान में है हमसा आशिक न तेरा कोई इस जहान में है ========================== दिखाई देता है हर शख्स में तेरा ही अक्स मिलूँ किसी से भी बस तू ही मेरे ध्यान में है ========================== मेरी वफा का सिला न दे कोई बात नहीं मुझे […]

महक उठी है कहीं फिरसे रातरानी क्या लौट आई दोबारा मेरी ज़िंदगानी क्या ========================== देख के ताजमहल ये सवाल उठा दिल में गरीब के इश्क की भी है कोई निशानी क्या ========================== लुटा तो दी रंगीनियों का मज़ा लेने में थी इसी काम के लिए तेरी जवानी क्या ========================== वो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।