जग में खुशी के दीप जलाती हैं नारियाँ, घर-घर से अँधेरों को भगाती हैं नारियाँ। आँगन की ये शोभा हैं,घरों की हैं लक्ष्मी, जीवन को स्वर्ग जैसा बनाती हैं नारियाँ। उनकी सुनाई देती हैं हृदय में धड़कनें, उपवन में हर कली को खिलाती हैं नारियाँ। शक्ति पर इनकी गर्व है […]

कितने रिश्ते,कितने नाते, दुनिया में बनाते हैं।  दिल से पूछें अपने हम,  कैसे उन्हें निभाते हैं॥   लोभ-लालच और अय्यारी,   रिश्तों में भर देते हैं।   दाग़दार इन रिश्तों को,   हम ख़ुद ही कर देते हैं॥    आओ रिश्तों को हम,    थोड़ा-सा रूहानी कर दें।    दिल […]

आजकल मैं अहसासों के बलबूतों पर जी रहा हूँ। मुझे हर क्षण मिलती हुई ऊर्जा के सबूतों पर जी रहा हूँ॥ मैं एक कदम बढ़ाता हूँ, खुश होता हूँ .. फिर उसका स्वाद लेकर, मैं एक कदम और बढ़ाता हूँ… इस तरह,खुद की खिदमतों पर जी रहा हूँ… आजकल मैं […]

लफ्ज़ दर लफ्ज़ लफ़्ज़ों को सिलता  हूँ, अपने अंदर के डर को राम- राम करता हूँ। अपने डर को सुइयाँ चुभोते  रहता हूँ, ऐबों की उठ्ठक-बैठकें गिनता रहता  हूँ। माँ की शॉल से ठंड को भगा  देता हूँ, मय छूता नहीं दूध आब-सा  पीता हूँ। कोसे-कोसे आटे की बू रुला  […]

तुम्हीं में बसा काशी काबा, तुम्हीं में गुरुद्वारा है। तुम्हीं में मेरी अयोध्या नगरी, तुम्हीं में नाथद्वारा हैll    तुम्हीं से निकलती गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती। तुम्हीं में बहती वात्सल्य रूपी, अमृत धारा हैl तेरे दोनों चरण बद्री और केदार, माँ  उसी में बसा मेरा पूरा संसारll    आँखें खुली तो तेरा दर्शन पाया, […]

प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारी क्या, राधा से कर दो सगाई,मेरी राधा से कर दो सगाई… प्यारी औ प्यारी मईया,कहते हैं कृष्ण मुरारीl    सुन्दर से सुन्दर है,वो सबसे न्यारी, कहो तो कल ही ला दे,जमुना से झारी… दिल की भी सुन्दर है,ये सब बोले कन्हैयाl  लगता पुराना कोई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।