प्रकाश भर दे,तिमिर हर ले, ज्योतिर्मय कर दे जगत को। अज्ञानता तू हर ले जगत से, ज्ञानमय कर दे इस जगत को। पशुत्व भाव दूर कर दे जन के, जन-जन में सत्यभाव भर दे। अब आ जगत में देर मत कर, निजसत्य को अब सिद्ध कर दे। राक्षस हैं फिरते […]

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हजार खामियां हैं,पर एक विशेषता रखता हूँ। खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll   जिंदगी की  किताब में मौका-परस्ती का पन्ना नहीं रखता। जो पथ विघ्नमान हो, मैं वो सपना नहीं रखता ll  जो ले जाता दिलों तक,वही रास्ता रखता हूँ। खुदगर्जी से दूर इंसानियत से वास्ता रखता हूँll  […]

हाथों में तिरंगा ले के चलते हैं जवान, जान हथेली पर ले लड़ते हैं जवानl धड़कते सीने में दहकते अंगार लिए, भारत की रक्षा में खुद को झोंकते हैं जवानl माथे पर कफ़न बांध कर चलते हैं, आ जाए दुश्मन सामने,तो भून देते हैं जवानl सलाम करती दुनिया इन हौंसलों […]

प्यार का है बोलबाला हर गली में, आशिकी कब इस जमाने में छिपी है। नाचती है मौत चौराहे…नगर में, बीच हर बाजार दुर्घटना…घटी है। इश्क आशिक को लगा करता सभी कुछ, प्यार में पड़ के नजर किसकी हटी है। जब मुसीबत में समझ आए न रस्ता, मौत उसको तो लगे […]

राजपथों ने दिया भरोसा तोड़ दिया है, पगडंडी लाचार करे भी तो आखिर क्या। ऊजड़ होते गाँव सूखते खलिहानों में, जीवन की उम्मीद ढूँढती बूढ़ी नज़रें कभी मना करती थी उनके गाँवों में जो, दीवाली वो ईद ढूँढती बूढ़ी नज़रें पास नहीं बुधिया चाचा के रुपया-पैसा, ऊपर से बीमार,करे भी […]

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पंचतत्व ही है, हर जीव का जीवन का आधार अस्तित्व है। पंच तत्वों से ही जीवन का निर्माण, सभी का होता है। जीवन का अन्त भी पंच तत्वों में होता है। बच्चे जब पैदा होते हैं, घर-परिवार में सभी को, खुशियाँ देकर हंसाते हैं। पंच तत्वों को पाकर, हंसी-खुशी जीते […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।