हम सबमें जज़्बात होते हैं……… हम सबके जज़्बात होते हैं…….. ………. होने भी चाहिए क्योंकि यदि जज़्बात न हों तो फिर मानव और मशीन में फर्क ही नहीं रह जायेगा इसलिए जज़्बातों का होना तो बनता है, स्वाभाविक भी है । हां पर हमें जज़्बातों में ज़्यादा बहना नहीं चाहिए […]

श्रद्धांजलि – हिंदी और मालवी के सुप्रसिद्ध कवि , गीतकार सुल्तान मामा हिंदी काव्य मंचों पर अपनी सुरीली आवाज के लिए पहचाने जाते थे। कवि सम्मेलन मंचों पर यदि कोई उन्हें सामने ने नहीं सुन रहा हो तो कहता कि क्या खूबसुरत आवाज में कवयित्री गा रही है । मालवी […]

पिता गर्व है अभिमान है, नन्हे से बालक की पिता ही पहचान है। पिता कर्तव्य की मूर्ति है पिता रोटी है कपड़ा है मकान है। पिता का त्याग दधीचि सा पिता हमारे सुनहरे सपने की मचान है। पिता की आंखे सागर सा उमड़ता एक तूफान है पिता का कठोर सीना […]

किसी के लिए दिन है किसी के लिए रात है सबका अपना भाग्य या कर्मों की बिसात है जैसा जैसा कर्म किया वैसी वैसी बरसात है न पछताने से कुछ होगा न खुश होने की बात है जिसके लिए दिन चल रहा उसकी होनी सांझ है जिसके लिए रात अंधेरी […]

आज के इस युग में हिन्दी का सोशल मीडिया प्रचार में अहम योगदान है,आज सोशल मीडिया के सहारे हिंदी का बहुमुखी विकास हो रहा है. सोशल मीडिया आज आदमी को पूरी दुनिया से जोड़ते हैं, तो यह हिन्दी भाषा के माध्यम से ही संभव है. देसी ही नहीं, विदेशी चैनलों […]

a हमारे भारत देश की राष्ट्रीय भाषा हिन्दीभाषा का गौरव होने के साथ ही हिन्दी विश्व की प्रमुख भाषा है | हम भारतवासी 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाते हैं | 14 सितम्बर 1949 को देवनागरी में लिखी जाने वाली हिन्दी को भारत की राजभाषा होने का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।