हिंदी प्रचार प्रसार में सोशल मीडिया की भूमिका

0 0
Read Time2 Minute, 24 Second
ajit prajapati
आज के इस युग में हिन्दी का सोशल मीडिया प्रचार में अहम योगदान है,आज सोशल मीडिया के सहारे हिंदी का बहुमुखी विकास हो रहा है. सोशल मीडिया आज आदमी को पूरी दुनिया से जोड़ते हैं, तो यह हिन्दी भाषा के माध्यम से ही संभव है. देसी ही नहीं, विदेशी चैनलों पर भी हिन्दी अपने सामथ्र्य को व्यक्त कर रही हैं. यह सोशल मीडिया  की जनभाषा का रूप धारण कर अपनी व्यापकता प्रदर्शित कर रही है. पौराणिक, ऐतिहासिक, पारिवारिक, जासूसी, वैज्ञानिक और हास्य-व्यंग्य विभिन्न प्रकार के धारावाहिकों की भाषा बिल्कुल सरल और व्यावहारिक होने के कारण सहज जन-स्वीकृत हो रही है.  सोशल मीडिया हिन्दी को सरल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. हिन्दी विज्ञापनों का आधिपत्य बढ़ता जा रहा है. भारत में सबसे बड़ा उपभोक्ता वर्ग मध्यम और कमजोर तबके का है, जिसकी भाषा हिन्दी है. रेडियो का भी हिन्दी के प्रचार-प्रसार में योगदान रहा, लेकिन टेलीविजन के मुकाबले कुछ कम रहा. फिल्मों से हिन्दी को विश्वस्तरीय पहचान मिली है. हिन्दी भाषा ऑस्कर तक पहुंची. मोबाइल और कंप्यूटर में भी हिन्दी विकल्प भी इस भाषा को समृद्ध और पुष्ट बना रही है. इसी प्रकार वेबसाइट और इंटरनेट की सुविधा ने ई-संस्करण तथा पूर्णत: ऑनलाइन पत्र-पत्रिकाएं उपलब्ध कराके हिन्दी को विस्तारशील बना दिया है. आज सोशल मीडिया के चलते ही विश्व के कोई कोने में बैठा इंसान हिन्दी से रूबरू हो सकता है. हिन्दी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में शामिल है।
अजीत सिंह प्रजापति
अटेली (हरियाणा)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

सृष्टि परिवर्तन

Tue May 28 , 2019
किसी के लिए दिन है किसी के लिए रात है सबका अपना भाग्य या कर्मों की बिसात है जैसा जैसा कर्म किया वैसी वैसी बरसात है न पछताने से कुछ होगा न खुश होने की बात है जिसके लिए दिन चल रहा उसकी होनी सांझ है जिसके लिए रात अंधेरी […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।